Breaking-News

= उद्यान विभाग से भूमि हस्तांतरण का मामला अंतिम चरण में पहुंचा
= नर्सरी स्थापित हो जाने से मिलेगा सैकड़ों लोगों को रोजगार

(((शेखर दानी/हेमंत साह की रिपोर्ट)))

रामगढ़ ब्लॉक के आलूखेत क्षेत्र में अब चाय नर्सरी स्थापित होगी। इसके लिए तैयारी तेज हो गई है। बकायदा चाय विकास बोर्ड को सोलह हेक्टेयर भूमि हस्तांतरण का मामला भी अंतिम चरण में पहुंच गया है। नर्सरी स्थापित होने से आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा।
दरअसल आलूखेत क्षेत्र में उद्यान विभाग की करीब बीस हेक्टेयर भूमि भूमि बंजर पड़ी है। बताते हैं कि कभी इसमें सेब का बगीचा था पर लंबे समय से भूमि बंजर रही। बंजर भूमि पर चाय बागान की नर्सरी विकसित करने को उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने कवायद तेज की। विभागीय स्तर पर पत्राचार तेज हुए और अब उद्यान विभाग से करीब सोलह हेक्टेयर भूमि हस्तांतरण का मामला अंतिम चरण में पहुंच गया है। विभागीय अधिकारियों की माने तो महज अंतिम चरण का मौका मुआयना शेष रह गया है। जिसके लिए विभागों से पत्राचार भी किया जा चुका है। बीस हेक्टेयर भूमि में से सोलह हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड को मिलेगी जबकि शेष चार हेक्टेयर भूमि उद्यान विभाग के पास ही रहेगी। चाय विकास बोर्ड भूमि मिलने के बाद इस पर नर्सरी स्थापित करने की योजना भी तैयार कर रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही रामगढ़ ब्लॉक के आलूखेत क्षेत्र में चाय नर्सरी स्थापित हो जाऐगी। यही नहीं नर्सरी स्थापित हो जाने से आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों को सोलह हेक्टेयर भूमि पर स्थापित नर्सरी में रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। चाय बागान घोड़ाखाल(भवाली) के प्रबंधक नवीन पांडे के अनुसार भूमि हस्तांतरण की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। जल्द ही भूमि चाय विकास बोर्ड को उपलब्ध हो जाएगी। प्रबंधक नवीन पांडे के अनुसार नर्सरी स्थापित हो जाने से सैकड़ों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा।