= वन पंचायत सरपंचों ने भेजा सीएम को पत्र
= सरपंचों के हित में ठोस कदम उठाए जाने की लगाई गुहार
= वन पंचायतों के विकास को बजट उपलब्ध कराए जाने की भी मांग
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
वन पंचायतों को ईकोटूरिज्म से जोड़ स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने तथा वन पंचायत सलाहकार परिषद का गठन, वन पंचायतों के लिए अलग से डिवीजन बनाने समेत तमाम मुद्दों को लेकर वन पंचायत सरपंच मुखर हो गए हैं। प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेज मामले को गंभीरता से लिए जाने की मांग की है। वन पंचायतों के विकास के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराने की भी गुहार लगाई है।
रामगढ़ ब्लॉक के वन पंचायत सरपंचों ने प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भेज कहा है कि वन पंचायतों में तैनात सरपंच पूरी निष्ठा से कार्य करते हैं। वन पंचायतों के संरक्षण की जिम्मेदारी निभाते हैं। बावजूद सरपंचों का मानदेय उपलब्ध नहीं है। उन्होंने सरपंचों को मानदेय सुनिश्चित करने, बीमा योजना का लाभ देने की मांग की है साथ ही कहा है कि हमेशा प्रदेश में रिजर्व फॉरेस्ट में ही ध्यान दिया जाता है प्रत्येक वर्ष केंद्र व राज्य सरकार से रिजर्व फॉरेस्ट के लिए बजट उपलब्ध होता है पर वन पंचायतों के लिए बजट उपलब्ध नहीं रहता। वन पंचायतों के लिए विशेष फंड से बजट उपलब्ध कराने, वन पंचायत नियमावली 2005 में संशोधन कर ठोस नीति बनाने तथा वन पंचायतों से अतिक्रमण हटाए जाने की मांग उठाई है। ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि यदि वन पंचायतों को ईको टूरिज्म से जोड़ा जाए तो काफी हद तक स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा तथा पलायन खत्म होगा। वन पंचायत सलाहकार परिषद का गठन कर जनसेवक सरपंचों को शामिल करने तथा वन पंचायतों को सशक्त व मजबूत बनाने की मांग की है। ज्ञापन में सरपंच सूण कमल सुनाल, भीम सिंह नेगी, हर्ष सिंह, नारायण सिंह, किशन राम, भगवती देवी, नारायण सिंह नेगी आदि लोगों के हस्ताक्षर हैं।