🔳दिन भर में महज एक कनस्तर पानी मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी
🔳दूर दराज से पानी ढोने को मजबूर हुए गांव के बाशिंदे
🔳मझेडा़ – ब्यासी पंपिग पेयजल योजना निर्माण में अनियमितता का आरोप
🔳ग्रामीणों ने उठाई योजना की जांच की मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कोसी नदी पर पांच करोड़ रुपये की लागत से बनी मझेडा़ ब्यासी पेयजल पंपिंग योजना से गांवों को समुचित पेयजल आपूर्ति न होने पर अब गांवों के बाशिंदों का पारा चढ़ने लगा है। सूरीफार्म क्षेत्र के बाशिंदों ने ही योजना से समुचित पेयजल उपलब्ध न होने पर नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है की योजना निर्माण में अनियमितता बरती गई है जिस कारण सरकारी धनराशि से बनी योजना से पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। योजना की निष्पक्ष जांच की मांग उठा कार्रवाई पर जोर दिया है।
खैरना के समीप कोसी नदी पर पांच करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से कुछ समय पूर्व मझेडा़ ब्यासी पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण किया गया। कुछ महीने पहले तत्कालीन केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने धूमधाम से योजना का लोकार्पण भी कर दिया। उम्मीद थी की योजना के अस्तित्व में आने से लोगों को लाभ मिलेगा पर उम्मीद परवाह नहीं चढ़ सकी। योजना से कुछ दूर सूरीफार्म गांव के बाशिंदे ही बूंद बूंद पानी को तरस गए हैं। स्थानीय नंदन गिरी ने आरोप लगाया है की करोड़ों रुपये की लागत से बनी योजना से दिनभर में महज एक कनेस्तर पानी उपलब्ध हो पा रहा है मजबूरी में दूर दराज से पानी ढोना पड़ रहा है। चूंवारी गांव में भी हालत जस के तस है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों के अनुसार योजना निर्माण में बड़ी अनियमितता बरती गई है जिससे अन्य गांवों में भी आए दिन लोग पानी को परेशान रहते हैं। पाइप लाइन बिछाने में भी लापरवाही की गई है। कुंवर गिरी, बद्री गिरी, आंनद गिरी, कैलाश, दीपक सिंह आदि ने योजना की जांच की मांग उठाई है।