◾जर्जर हालत में पहुंचे चिकित्सकों के आवास
◾ करोड़ों रुपये से तैयार कॉलोनी बदहाल हालत में पहुंची
◾बारिश में कमरे बन जाते हैं तालाब

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर तमाम गांवों के मध्य में स्थित सीएचसी के आवासीय परिसर जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। चिकित्सकों व अस्पताल के कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बावजूद कोई सुधलेवा नहीं है। क्षेत्रवासियों ने आवासीय परिसर को दुरुस्त करने की मांग उठाई है ताकी चिकित्सकों को परेशानियों का सामना न करना पड़ें।
पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार चिकित्सकों की तैनाती की मांग उठती है पर चिकित्सक पहाड़ों में रुकने को तैयार नहीं है। रुके भी तो कैसे। अस्पतालों में चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों को रहने के लिए बने आवासीय परिसर ही बदहाली का दंश झेल रहे हैं। सीएचसी गरमपानी के आवासीय परिसर इसका जीता जागता उदाहरण बन चुके हैं। मरम्मत के अभाव में आवासीय कॉलोनी बदहाल होती जा रही है जिससे चिकित्सकों तथा अस्पताल कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई चिकित्सक किराए के कमरे में रहकर दिन काट रहे हैं तो कई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए बने कमरे में रहने को मजबूर हैं। क्षेत्रवासी कई बार आवासीय परिसर को दुरुस्त करने की मांग भी उठा चुके हैं बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। व्यापारी नेता कुबेर सिंह जीना, पंकज नेगी, हरीश चंद्र, मदन सुयाल, पंकज भट्ट, हरीश कुमार, मनोज नैनवाल, देवेश कांडपाल, कैलाश चंद्र कांडपाल, विरेंद्र सिंह बिष्ट, बिशन जंतवाल, गजेंद्र नेगी, नंदन सिंह, विक्रम सिंह, सुनील मेहरा, दलीप सिंह नेगी आदि ने आवासीय परिसरों को दुरुस्त करने की मांग उठाई है ताकि चिकित्सकों व कर्मचारियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।