= सुविधाओं व समुचित स्टाफ के लिए तरस रहा नौघर का अस्पताल
= उपेक्षा पर भड़के पंचायत प्रतिनिधि व स्थानीय युवा
= हवा में ढोल पीट रही सरकार धरातल में दावे खोखले

(((सुनील मेहरा/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))

सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं चाक-चौबंद करने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हालात यह है कि करीब दो हजार से भी ज्यादा परिवार के सदस्यो का स्वास्थ्य एक चिकित्सक के भरोसे है जिस कारण लोगों में गहरा रोष व्याप्त है। पंचायत प्रतिनिधियों के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर के मुख्य गेट पर नारेबाजी कर रोष जताया। चेतावनी दी कि यदि जल्द व्यवस्थाएं चाक-चौबंद नहीं की गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
भुजान बिल्लेख मोटर मार्ग पर स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौघर का स्वास्थ्य खराब है। समुचित स्टाफ की कमी व संसाधन न होने से लोगों को कई किलोमीटर दूरी नाप बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेना मजबूरी बन चुका है। कई बार सुविधाओं को दुरुस्त करने की आवाज उठाई गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। शुक्रवार को पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण अस्पताल परिसर जा धमके। लगातार उपेक्षा का आरोप लगाया। सरकारी दावों को खोखला साबित करार दिया। कहा कि बगवान, विशालकोट, मंडलकोट, हल्द्वीयानी, नौघर, सीमा, लछिना, मनारी, जालीखान, गुमंटा, जैना समेत सैकड़ों गांवों के हजारों परिवार नौघर अस्पताल पर निर्भर हैं। सुविधाएं व समुचित स्थापना न होने से अल्मोड़ा, रानीखेत, रामनगर, काशीपुर रुख करना मजबूरी बन चुका है। चेताया कि यदि जल्द व्यवस्था में सुधार ना हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इस दौरान ग्राम प्रधान नौघर दिनेश बिष्ट, प्रधान मंडलकोट पंकज सिंह, सुनील मेहरा, अर्जुन सिंह बिष्ट, पुष्कर सिंह, विपिन सिंह, खुशाल सिंह फर्त्याल, जोगा सिंह, रामदत्त पांडे, हरीश बिष्ट आदि मौजूद रहे।