🔳स्कूली नौनिहालों की जिंदगी पर भी मंडरा रहा खतरा
🔳बरसाती नाले पर बनी पुल छह महीने पहले हो चुकी ध्वस्त
🔳जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा उठा रहे सैकड़ों परिवार
🔳अधिकारियों पर लगाया सुध न लिए जाने का आरोप
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में अफसरों की अनदेखी गांव के बाशिंदों की जिंदगी पर भी भारी पड़ने लगी है। आपदा से ध्वस्त हुई पुल की पांच महीने से भी अधिक समय से सुध न लिए जाने से स्कूली बच्चे व ग्रामीण जिंदगी व मौत के बीच महज एक सीमेंट के पिलर से आवाजाही करने को मजबूर हैं। लगातार अनदेखी किए जाने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। स्थानीय लोगों ने जल्द पुल निर्माण की पुरजोर मांग उठाई है।
गांवो में मूलभूत सुविधाओं के अकाल पड़ने के बाद अब व्यवस्थाएं भी बदहाल हो चुकी है। आवाजाही में भी लोग लगातार मंडरा रही मौत से जंग लड़ रहे हैं। ब्लॉक के खौला क्षेत्र से कांडा, फफडिया, डौमास आदि गांवों को आवाजाही करने वाला पैदल पुल पांच महीने पहले बरसाती नाले के उफान में आने से ध्वस्त हो गया। गांवो के बाशिंदों ने पुल निर्माण की मांग उठाई पर पांच महीने का लंबा समय बीतने के बावजूद आज तक जिम्मेदार सुध नहीं ले सके हैं जिस कारण गांवों के सैकड़ों परिवारों के लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं। गांव से तल्ली सेठी स्थित विद्यालय को शिक्षा लेने पहुंचने वाले नौनिहाल भी जान हथेली पर रख विद्यालय पहुंच से है। बारिश में बरसाती नाले के उफान पर आने पर जोखिम कई गुना बढ़ जाता है ऐसे में बच्चों व गांव के लोगों की जिंदगी पर लगातार खतरा बढ़ता ही जा रहा है। बावजूद सुध नहीं ली जा रही। ग्राम प्रधान दीवान सिंह, शेर सिंह, नवीन आर्या, राजू गोस्वामी, त्रिलोक गिरी, अंबी राम आदि लोगों ने तत्काल पुल निर्माण की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है कि यदि उपेक्षा हुई तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार तैयार की जाएगी।