= आपदा के बाद अब पेयजल संकट बना परेशानी
= खैरना, छडा़, मझेडा़ समेत तमाम गांवों में चरमराई पेयजल व्यवस्था
= लोगों का सब्र देने लगा जवाब जल्द व्यवस्था न होने पर आंदोलन का ऐलान

(((महेन्द्र कनवाल/हरीश चंद्र/हरीश कुमार/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))

आपदा को बीस दिन बीत जाने के बावजूद तमाम क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। गांव के लोग दूर-दराज से पानी ढोने को मजबूर है। उपेक्षा से आहत लोगों ने अब आंदोलन की चेतावनी दे डाली है।

मूसलाधार बारिश व जगह-जगह भूस्खलन व जल प्रलय से तमाम योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर योजनाओं को दुरुस्त करने का कार्य किया जाने लगा पर तमाम क्षेत्रों में अब भी व्यवस्थाएं पटरी से उतरी हुई है। खैरना क्षेत्र में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं वही समीपवर्ती मझेडा़, छडा़ आदि क्षेत्रो में भी हालात विकट है। लोगों को पानी की बूंद तक नसीब नहीं हो रही। ऐसे में दूरदराज से पानी भरना मजबूरी बन चुका है। पूर्व ग्राम प्रधान पूरन लाल साह, व्यापारी नेता वीरेंद्र बिष्ट, गजेंद्र सिंह नेगी आदि लोगों का आरोप है कि आपदा को बीस दिन बीत जाने के बावजूद पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है जिससे लोग परेशान हैं। दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द से जल्द पेयजल आपूर्ति दुरुस्त नही की गई तो संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।