= दस घंटे तक चलाया सफाई अभियान
= प्राकृतिक नौले तथा मलबे में दबे हैड़पंप से हटाया मलबे का ढेर
= पेयजल संकट से परेशानी महिलाओं ने उठाया कदम
(((कुबेर जीना/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))
पांच माह पूर्व आई आपदा के बाद से ही गांवो के लोग पेयजल संकट का सामना कर रहे है संबधित विभाग ने अस्थाई रुप से गांवो में पेयजल आपूर्ति को सुचारु की है पर पानी गांवो के लोगो के लिए नाकाफी साबित हो रहा है ऐसे में परेशान गांव की महिलाओं ने आपदा में मलबे से पटे नौले तथा हैड़पंप की सफाई को विशेष अभियान चलाया। दस घंटे की मेहनत के बाद प्राकृतिक नौले व हैड़पंप के आसपास जमा मलबा हटाया जा सका।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से सटे सिरसा गांव तथा समीप के घूना तोक में लोगो को लंबे समय से पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।जल संस्थान ने बामुश्किल गांव में पेयजल आपूर्ति सुचारु की है पर पानी नाकाफि साबित हो रहा है। गांव में रहने वाले परिवारो तथा पशुपालकों को समुचित पानी नही मिल रहा ऐसे में गांव की महिलाओं ने हाईवे के समीप अक्टूबर में आई आपदा में मलबे से भरे पडे़ प्राकृतिक नौले तथा हैड़पंप की सफाई का जिम्मा उठाया। सुबह से शाम तक करीब दस घंटे तक प्राकृतिक नौले में जमा मलबे की सफाई की गई।बाद में मलबे में दबे हैड़पंप से मलबा हटाया गया। मलबा हटाए जाने के बाद अब काफि हद तक गांव में पेयजल संकट से गांव के वासिंदो को निजात मिल सकेगी। सफाई अभियान में इंद्रा आर्या, सरोज आर्या, नंदी देवी, मुन्नी देवी, जानकी देवी समेत कई महिलाएं जुटी रही।