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बेहतर उपचार के लिए करना पड़ता है दूरदराज रुख

गांवों में सुविधाएं मिलें तो काफी हद तक लाभान्वित होंगे गांव के लो

(((वीरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट))))

गांवो में स्थित सामुदायिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। गांव में स्थित अस्पतालों में सुविधाएं न होने से लोगों को दूरदराज रुख करना पड़ता है ऐसे में मरीजों के साथ ही परिजनों को भी दिक्कत का सामना करने को मजबूर है।

बेतालघाट ब्लॉक के ऊंचाकोट, सिमलखा,धनियाकोट आदि क्षेत्रों में गांवों के लोगों को उपचार उपलब्ध कराने को अस्पताल तो बना दिए गए पर सुविधाएं ना होने से लोगों को अस्पतालों का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा। आपातकालीन स्थिति में लोगों को गरमपानी या हल्द्वानी, रामनगर, रानीखेत, काशीपुर,अल्मोड़ा रुख करना पड़ता है जिसमें काफी समय व पैसे की बर्बादी होती है साथ ही गंभीर मरीज के मामले में स्थिति बिगड़ते देर नहीं लगती। यदि गांवों में स्थित अस्पतालों में ही सुविधाएं व्यवस्थित कर दी जाए तो गांव के लोग काफी हद तक लाभान्वित होंगे। वही गांव में ही लोगों को उपचार मिल सकेगा। गांवों में स्थित अस्पतालों में सुविधाएं व समुचित चिकित्सकों की तैनाती होनी जरूरी है। ताकि गांव के लोग इसका लाभ ले सके। लाखों-करोड़ों के भवन तो तैयार कर दिए गए पर सुविधाएं शून्य है। गांव के लोगों ने अस्पतालों में सुविधाए चाक-चौबंद करने तथा समुचित चिकित्सकों की तैनाती किए जाने की मांग उठाई है।