= जीआइसी खैरना में गोल है विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान
= समाजशास्त्र व अर्थशास्त्र के प्रवक्ता की भी वर्षों से नहीं है तैनाती

(((नीरजा साह की खास रिपोर्ट)))

विद्यालयों को आदर्श विद्यालय घोषित कर उनकी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के लाख दावे किए गए पर विद्यालयों की हालत जस की तस है। आलम यह है कि विद्यालय में समुचित शिक्षकों की तैनाती ही नहीं है। ऐसे में आदर्श विद्यालय का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है।
कोसी घाटी स्थित जीआइसी खैरना में करीब दो सौ से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं पर समुचित शिक्षकों की तैनाती न होने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हालात यह है कि पिछले आठ वर्षों से विद्यालय में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता की ही तैनाती नहीं हो सकी है। यही नहीं आठ वर्षों से अर्थशास्त्र जबकि चार वर्षों से समाजशास्त्र के प्रवक्ता का पद रिक्त है। एलटी में भी सामाजिक विज्ञान व अंग्रेजी के अध्यापक नहीं है। बमुश्किल गेस्ट टीचरों से कार्य चलाया जा रहा है। ऐसे में नौनिहालों के भविष्य पर भी बड़ा सवाल बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि विद्यालय के पास आदर्श विद्यालय का दर्जा है पर समुचित शिक्षकों की तैनाती न होने से नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। विद्यालय के प्रधानाचार्य एमसी बजाज के अनुसार पूर्व में ही उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जा चुका है फिलहाल गेस्ट टीचरों से काम चलाया जा रहा है।