= बारिश से ध्वस्त हुए थे रास्ते नहीं ली गई सुध
= कभी भी सामने आ सकती है बड़ी घटना
((( पंकज नेगी/फिरोज अहमद/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))
बीते दिनो हुई मूसलाधार बारिश से ध्वस्त हुए गांव के पैदल मार्ग को दुरुस्त करने की सुध नहीं ली जा रही। गांवो के लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही करने को मजबूर है। पैदल रास्तों को दुरुस्त न किए जाने से ग्रामीणों में गहरा रोष भी व्याप्त है।
समीपवर्ती तिपोला गांव को जाने वाला रास्ता बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश से ध्वस्त हो गया। ग्रामीण बदहाल रास्ते पर ही आवाजाही करने को मजबूर हैं। करीब तीस से ज्यादा परिवार जान जोखिम में डाल रास्ते पर आवाजाही कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार पंचायत प्रतिनिधियों को पैदल रास्ते को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। मजबूरी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रात के वक्त जोखिम कई गुना बढ़ जा रहा है। ग्रामीणों ने लगातार की जा रही उपेक्षा पर रोष जताया है। कहां जी गांव के पैदल मार्गो की ही अनदेखी कर दी जा रही है ऐसे में विकास कार्यों की बात करना बेमानी है। स्थानीय गोपाल सिंह, श्याम लाल, राम लाल, भगत राम, चंदन राम, मदन सिंह, प्रताप सिंह, भंवरी देवी, पुष्पा देवी आदि ने तत्काल पैदल मार्ग को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक कहा है कि उपेक्षा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।