= बाजार के ठीक ऊपर दरक रही थुआ की पहाड़ी दे रही बड़े खतरे का संकेत
= बाजार के पीछे शिप्रा नदी में बाढ़ सुरक्षा कार्य ना होने से क्षेत्रवासी परेशान
= कई बार उठी आवाज पर जिम्मेदार नही बना पाए मास्टर प्लान
(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/सुनील मेहरा/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित गरमपानी खैरना बाजार पर दोतरफा संकट मंडरा रहा है। बाजार क्षेत्र के ठीक ऊपर थुआ की पहाड़ी पर जगह-जगह भूस्खलन होने से पहाड़ी लगातार कमजोर हो चुकी है वहीं शिप्रा नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य ना होने से हमेशा खतरा मंडराता रहता है। अक्टूबर में आई आपदा ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। बावजूद सुरक्षा के ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
गरमपानी खैरना खतरे के मुहाने पर खड़ा हैं। आगे कुआं तो पीछे खाई है। बाजार के ठीक ऊपर विशालकाय थुआ कि पहाड़ी से समय-समय पर भूस्खलन होता है। भूस्खलन का मलबा व पत्थर बाजार क्षेत्र तक पहुंचता है। कई लोग बुरी तरह चोटिल हो चुके हैं वहीं कुछ लोगों की मौत तक हो चुकी है। पहाड़ी पर सुरक्षा कार्य किए जाने की कई बार मांग उठी है पर कोई सुध लेवा नहीं है। जिससे खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है वहीं बाजार क्षेत्र के ठीक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी हर बरसात में रौद्र रूप अपनाती है। बीते वर्ष अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद उफान में आई नदी ने कई मकान जमीनदोंज कर दिए। लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया। कई लोग घर से बेघर हो गए। लोग पहले भी कई बार बार सुरक्षा कार्य कराए जाने की मांग उठा चुके हैं पर समय रहते आज तक बाढ़ सुरक्षा के कार्य नहीं हो सके जिससे लोग परेशान हैं। स्थानीय देवेश कांडपाल, भैरव नैनवाल, मनोज नैनवाल, वीरेंद्र सिंह, हरक सिंह पिनारी, चंदन गोस्वामी, महेंद्र सिंह, श्याम सिंह, पूरन लाल साह,विनोद कांडपाल, कैलाश कांडपाल आदि लोगों ने बाढ़ सुरक्षा तथा थुआ की पहाड़ी पर मजबूत सुरक्षा कार्य कराए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।