= बड़े-बड़े दावों की निकल रही हवा
(((महेंद्र कनवाल/फिरोज अहमद/पंकज नेगी)))
अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित खैरना कस्बे में सफाई व्यवस्था राम भरोसे है। चौराहे के समीप अस्पताल व चौकी को जाने वाले रास्ते के ठीक सामने अस्थाई टैक्सी पार्किंग पर बजबजा रही गंदगी बड़ी बीमारी की ओर इशारा कर रही है बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है।
खैरना चौराहे पर अस्थाई टैक्सी पार्किंग के समीप बजबजा रही गंदगी से क्षेत्र में संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है। गंदगी से उठ रही दुर्गंध से आवाजाही करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्थाई टैक्सी पार्किंग में पहुंचने वाले यात्री भी बेहाल है। वाहन चालक तो परेशानी का सामना कर ही रहे हैं। अस्थाई टैक्सी पार्किंग के ठीक सामने से अस्पताल, चौकी तथा राजकीय इंटर कॉलेज को जाने का रास्ता भी है तमाम बड़े अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही करते हैं पर उन्हें गंदगी दिखाई नहीं दे रही समीप ही एक हैंडपंप भी है जिससे लोग पानी भरते हैं पर गंदगी से लोगों ने पानी भरना भी छोड़ दिया है। हालात इतने खराब हैं की कभी भी क्षेत्र में बड़ी संक्रामक बीमारी फैल सकती है पर गंदगी निस्तारण के लिए कोई सुध नहीं ली जा रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ गई है।
मुनाफे से मतलब सफाई व्यवस्था को ठेंगा
क्षेत्र को सुधारने तथा संवारने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं पर अस्थाई टैक्सी स्टैंड के समीप फैली गंदगी सभी दावों की हवा निकाल रही है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि यह गंदगी आ कहां से रही है। आसपास के होटल व्यवसाई धड़ल्ले से गंदगी अस्थाई टैक्सी पार्किंग के समीप डाल रहे हैं पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठा रहे। दुकानदारों को बस मुनाफा कमाने से मतलब है। क्षेत्र में बिगड़ती व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है। दुकानदार महज मुनाफा कमा दुकान बंद करके चले जाते हैं सुबह दुकान खोलते हैं दिनभर की गंदगी टैक्सी स्टैंड पर डाली जाती है सफाई व्यवस्था ठेंगे पर है।