= जंगली सूअरों का झुंड कर रहा खेती बर्बाद
= ग्रामीणों ने उठाई किसानों को मुआवजा देने की मांग
(((मनीष कर्नाटक/विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))
कोरोना की मार झेलने के बाद अब जंगली जानवर किसानों के लिए मुसीबत बन चुके हैं। सुयालबाडी़ गांव में जंगली सूअर नगदी फसलें रौद दे रहे हैं जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।
पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम ले रही। कोरोना संकट के कारण बीते दो वर्ष उपज खेतों में ही सढ़कर बर्बाद हुई। सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले किसानो ने खेती की ओर रुख किया तो मूसलाधार बारिश के बाद भूस्खलन से खेत रोखड़ में तब्दील हो गए। किसानों ने रोजमर्रा की जरूरतों के लिए खेतों में हल्दी, लाई , लहसुन, मैथी आदि की उपज तैयार की पर अब जंगली सूअर किसानों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। दिनदहाड़े व रात के वक्त जंगली सूअरो का झुंड खेती रौंद दे रहे है जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थानीय विमला देवी, दीपक सुयाल, चंपा सुयाल, दीपा सुयाल, विपिन सुयाल आदि लोगों ने किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।