= आपदा के बाद से बदहाल हालत में है सड़कें
= जगह-जगह बना हुआ दुर्घटना का खतरा
= गांव तक सामग्री न पहुंच पाने से व्यवसाय भी हो रहा प्रभावित

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/भीम बिष्ट की रिपोर्ट)))

आपदा को एक माह बीत जाने के बावजूद गांव की सड़कें बदहाल हालत में हैं। जिससे व्यापारियों का पारा चढ़ने लगा है। व्यापारियों का आरोप है कि गांवों तक सामग्री भी नहीं पहुंच पा रही जिससे नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं आवाजाही में दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है।


बीते माह हुई मूसलाधार बारिश के बाद कई सड़कें जगह-जगह भूस्खलन होने से मलबे से पट गई। विभागीय स्तर पर कार्य शुरू हुआ तो महज आवाजाही के लिए सड़क तैयार हो सकी। जगह-जगह अभी खतरा बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है। ग्रामीण सड़को की बदहाली से व्यापारी नेता भी मुखर हो गया है। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने जल्द गांवों की सड़कों को दुरुस्त करने की मांग उठाई है। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन लाल साह के अनुसार गांवो की सड़कें बदहाल होने से कई दिक्कतें पैदा हो रही हैं गांव में रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली आवश्यक चीजों की आपूर्ति में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह सड़कें बदहाली का दंश झेल रही हैं। सीम- सिल्टोना – ब्यासी, शहीद बलवंत सिंह भुजान वर्धो, रिची – भुजान, काकडीघाट – द्वारसौ, मोना क्वारब, रातीघाट – बेतालघाट,भुजान – बेतालघाट समेत तमाम मार्गों पर दुर्घटना का खतरा मंडरा रहा है। व्यापारी नेता कुबेर सिंह जीना, मदन सुयाल, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, सुनील मेहरा, फिरोज अहमद, हरीश चंद्र, हरीश कुमार, भीम सिंह बिष्ट, पंकज नेगी, अंकित सुयाल, मनीष कर्नाटक आदि लोगों ने जल्द ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने की पुरजोर मांग उठाई है।