= सुयालबाड़ी में दावे खोखले
= व्यवस्था में सुधार को क्षेत्र वासियों ने उठाई आवाज

(((अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक/कुबेर सिंह जीना की रिपोर्ट)))

एक ओर सरकार गांवो को खुले में शौच से मुक्त करने का दावा कर रही है तो वही सरकारी कार्यालय में ही व्यवस्था बद से बदहाल हालत में है। सुयालबाड़ी स्थित पशु चिकित्सालय में शौचालय की स्थिति बदतर हो चुकी है। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है।
सुयालबाडी़ मुख्य बाजार में स्थित पशु चिकित्सालय तमाम गांवों के मध्य में स्थित है। आसपास के गांवों के पशुपालक पशुओं की दवा व चिकित्सकों से परामर्श के लिए अस्पताल पहुंचते हैं पर अस्पताल में शौचालय व्यवस्था बदतर हो चुकी है। जिससे कर्मचारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांवों से आने वाले लोग भी परेशान रहते हैं। सुलभ शौचालय में लकड़ियां व गत्ते की पेटी भरी पड़ी है। पानी का कनेक्शन भी टूटा पड़ा है। जिससे व्यवस्था बदहाल है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सरकार गांव गांव शौचालय निर्माण का दावा कर रही है जबकि सरकारी कार्यालय में बदहाल हालत में पड़ा शौचालय सरकार के दावों की हवा निकाल रहा है। लोगों ने पशु चिकित्सालय में शौचालय को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है चेताया है की उपेक्षा की गई तो आंदोलन की रणनीति भी तैयार की जाएगी।