◼️ अति संवेदनशील क्षेत्रों में प्रभावितों को ठहराने के लिए नौ स्थलों का चयन
◼️छह बाड़ चौकियो भी हुई स्थापित
◼️ शिप्रा व कोसी नदी पर आवाजाही की गई प्रतिबंधित

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील कोसी घाटी क्षेत्र में प्रशासन हरकत में आ गया है। हेलीपैड चयनित करने के साथ ही बाढ़ चौकियां व आपदा प्रभावितों को ठहराने के लिए स्थान चयनित कर लिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि कोसी व शिप्रा में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।
बरसात के दिनों में उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी के उफान पर आने तथा जगह-जगह पहाड़ियों से भूस्खलन होने के चलते कोसी घाटी क्षेत्र में खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अक्टूबर में आई आपदा में हालात बिगड़े तो सेना ने जिम्मेदारी संभाली। नदी के उफान में आने पर खैरना क्षेत्र के वासिंदो को जीआइसी में शरण लेनी पडी़। अब एक बार फिर मानसून की दस्तक के साथ ही प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। आपदा से निपटने को विशेष रणनीति तैयार की गई है। क्षेत्र में बेतालघाट तथा कोश्या कुटोली समेत तीन हेलीपैड चयनित किए गए हैं। आपात स्थिति में इन्हीं हेलीपैड से आपदा प्रभावित क्षेत्रों को मदद पहुंचाई जाएगी। अति संवेदनशील क्षेत्रों में नौ केंद्रों पर आपदा प्रभावितों को ठहराने की तैयारी की जा रही है। छह बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर दी गई हैं। उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी पर खतरे को भांपते हुए फिलहाल आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। उपजिलाधिकारी कोश्या कुटोली राहुल शाह के अनुसार अति संवेदनशील क्षेत्रों पर निगरानी रखी जा रही है। कुछ स्थल चयन कर लिए गए हैं आवश्यकता पड़ने पर और क्षेत्रों में भी प्रभावितों के रहने की व्यवस्था बनाई जाऐगी।