= गुणवत्ता विहीन कार्य कर दी जाती है सरकारी धन की बर्बादी
= कैंची धाम से हरतपा गांव तक किया गया डामरीकरण बना जीता जाता उदाहरण
= विभागों की अनदेखी का भी खामियाजा उठाते हैं गांवों के लोग
(((दलिप सिंह नेगी/हरीश चंद्र/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))
ग्रामीण सड़कों में बजट मिलने के बावजूद गुणवत्ता विहीन कार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी है। लोगों ने ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्ट करने की मांग उठाई है कहा है की लाखों करोड़ों रुपए के बजट से सड़को के सुधारीकरण को पैसा अवमुक्त होता है पर गुणवत्ता विहीन कार्यों के चलते कुछ ही समय में सड़कें दम तोड़ रही हैं।
सरकार गांव के लोगों की सुविधा के लिए पुरानी सड़कों की मरम्मत व डामरीकरण आदि कार्यो के लिए लाखों करोड़ों रुपयो का बजट अवमुक्त करती है पर विभागीय अनदेखी व गुणवत्ता विहीन कार्यों के चलते कुछ ही समय में सड़कें दम तोड़ रही हैं। लाखों से किया गया डामरीकरण खस्ताहाल होता जा रहा है। कैची क्षेत्र से हरतपा गांव तक किया गया डामरीकरण इसका जीता जागता उदाहरण बन चुका है। लाखों से किया गया डामर अब दम तोड़ चुका है जबकि कुछ माह पूर्व ही डामरीकरण किया गया। कई अन्य क्षेत्रों में भी यही हाल है गुणवत्ता विहीन कार्यों के चलते निर्माण होने होने के साथ ही दीवारे व सुरक्षात्मक कार्य धराशाई होते जा रहे हैं जिससे सरकारी धन की बर्बादी हो रही है। लोगों ने ऐसे गुणवत्ता विहीन कार्य करने वालों को ब्लैक लिस्ट करने की मांग उठाई है ताकि सरकारी धन की बर्बादी ना हो सके। चेतावनी भी दी है की यदि हीलाहवाली की तो विभागों के खिलाफ भी आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा।