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बोले लोग – संघर्ष किया है और करते रहेंगे
क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाएं हो या अन्य मुद्दे हमेशा बढ़-चढ़कर होगी भागीदारी
फूट डालने वालों को किया जाएगा बेनकाब

गरमपानी डेस्क : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी को पीपीपी मोड से हटाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। रविवार को सांसद के निरीक्षण के दौरान बात उठी थी कि पीपीपी मोड को खत्म करने के पीछे क्षेत्र के लोगों का ही हाथ है इस पर क्षेत्र के व्यापारियों ने रोष जाताया है। कहा कि लोग क्षेत्र के लोग सुविधाएं खत्म करने के लिए नहीं बल्कि सुविधाएं जुटाने के लिए संघर्ष करते हैं ऐसे में दो तरफा बातें कर क्षेत्र को बांटने की कोशिश की जा रही है जिसको कतई सफल नहीं होने दिया जाएगा।

रविवार को सांसद अजय भट्ट व विधायक संजीव आर्या के निरीक्षण के शुरुआती चरण में ही सीएचसी गरमपानी में पीपीपी मोड पर खत्म करने को लेकर बात उठी जिस पर कहा गया कि क्षेत्र के लोग ही पीपीपी मोड को खत्म करने के लिए धरने पर बैठे थे। मंगलवार को तीखी नजर पोर्टल के विशेष संवाददाता ने लोगों से इस मुद्दे में राय ली। लोगों ने साफ कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। क्षेत्र के लोग हमेशा स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए संघर्ष करते रहे हैं। पूर्व में पीपीपी मोड में संचालित अस्पताल में भी हमेशा सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए संघर्ष किया गया। उसके बाद क्षेत्र में बिगड़ती स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने को संघर्ष हुआ। वर्षों पूर्व अस्पताल के लिए बजट की कमी हुई तब भी क्षेत्र के लोगों ने ही लगातार संघर्ष कर धरना दिया। तब जाकर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बलवंत सिंह भोर्याल ने ने करीब 58 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त कि। तब जाकर अस्पताल का अधूरा भवन पूरा हुआ पर अब दोतरफा बातें कर क्षेत्र को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों ने कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमेशा क्षेत्र के लोग एकजुट होकर समस्याओं के समाधान को संघर्ष करते आए हैं। क्षेत्र को बांटने वाले लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं किया। फूट डालो और राज करो की नीति कतई बर्दाश्त नहीं कि जाऐगी। साफ कहा की जरूरत पड़ी तो आंदोलन होते रहेंगे साथ ही जरुरत पड़ने पर ऐसे लोगो को बेनकाब किया जाएगा। अभियान भी चलाया जाएगा।