= कोई सुध लेवा नहीं एक किमी दूर से सिर पर पानी ढो रहे ग्रामीण
= 45 परिवार बूंदबूंद पानी को तरसे
= विकास का दावा करने पहले भी नहीं ले रहे सुध

((( पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के सुदूर उल्गौर से सटे धारी गांव में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। हालत यह है कि एक किमी दूर से कड़ाके की ठंड में पानी ढोना मजबूरी बन चुका है। विकास के दावे यहां हवा हवाई साबित हो रहे है। हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना भी दम तोड़ चुकी हैं।

गांव में लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लाख दावे किए जाते हैं पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। बेतालघाट ब्लॉक के सुदूर धारी गांव में 45 परिवार पिछले चार माह से पानी को तरस गए हैं। आलम यह है कि कड़ाके की ठंड में भी ग्रामीण एक किमी दूर से स्थित प्राकृतिक जल स्रोत से सिर पर पानी ढोने को मजबूर हैं। पानी की लाइन जगह-जगह टूटी पड़ी है। हर घर नल से जल योजना के भी बड़े-बड़े दावे हुए पर हर घर नल से जल योजना भी खोखली साबित हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार उपेक्षा की जा रही है। कई बार व्यवस्था दुरुस्त करने को आवाज उठाई गई पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। आगामी विधानसभा चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा।