= पर्यटन गतिविधि बढ़ाने के सरकार के दावे खोखले
= सुविधाओं के अभाव में पर्यटक भी नहीं रुक रहे
= लोगों ने उठाई व्यवस्था में सुधार की मांग
(((हरीश चंद्र/अंकित सुयाल/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))
एक ओर प्रदेश सरकार पर्यटन गतिविधि बढ़ाने व पर्यटन से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के दावे करती है पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर लोगों ने बैंकों से ऋण लेकर दुकानें खोल रखी है। पर बाजार क्षेत्रों में सुलभ शौचालय की व्यवस्था ना होने पर्यटक रूकना ही पसंद नहीं कर रहे जिससे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। आलम यह है कि स्टेट हाईवे पर बीस किमी दायरे में एक भी सुलभ शौचालय नहीं है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से कई पर्यटक स्थलों को आवाजाही होती है। रास्ते में भुजान, पातली, बजोल,बमस्यू, बजीना, जेनौली, उपराडी, पिलखोली आदि तमाम बाजार क्षेत्र हैं पर कहीं भी सुलभ शौचालय की व्यवस्था ही नहीं है। पातली क्षेत्र में वर्ष 2011 में बना सुलभ शौचालय झाड़ियों से पटा पड़ा है बदहाल स्थिति में पहुंच चुके उक्त शौचालय पर कोई जाना ही पसंद नहीं करता। भुजान क्षेत्र में लगे आरटीपीसीआर शिविर में रुक रहे यात्रियों तथा डूयूटी निभा रहे कर्मचारियों को भी सुलभ शौचालय की सुविधा ना होने से दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। व्यापारियों का आरोप है कि जिला पंचायत प्रतिवर्ष शुल्क वसूलता है पर सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं देता। बाजारों में स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी है। स्थानीय प्रताप सिंह, हरीश सिंह, तारा सिंह, लक्ष्मण सिंह, हरीश करायत, ललित मोहन, फकीर सिंह, भगवान सिंह, महिपाल बिष्ट, गजेंद्र नेगी आदि लोगों ने स्टेट हाईवे पर स्थित बाजार क्षेत्रों में सुलभ शौचालय के निर्माण की पुरजोर मांग उठाई है।चेताया है की यदि उपेक्षा की गई तो फिर आंदोलन शुरू किया जाएगा।