◾ लगातार नुकसान से किसान मायूस, खेतीबाड़ी से होने लगा मोहभंग
◾नुकसान का मुआवजा दिए जाने की उठी मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
पहाड़ों में किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। कभी मौसम साथ नहीं दे रहा तो सिंचाई नहरों के बदहाल होने उपज चौपट होती जा रही है। अब कुंजगढ़ घाटी के किसानों की अदरक की उपज में झुलसा रोग लगने से फसल बर्बाद होने की कगार में पहुंच चुकी है।फसल में बिमारी लगने से टूनाकोट, तिपोला तथा सुकोली के किसान मायूस हैं।
पर्वतीय क्षेत्रो के किसानों का अब खेतीबाड़ी से मोहभंग होता जा रहा है। आपदा के बाद से किसान नुकसान पर नुकसान उठा रहे हैं। कभी बारिश न होने से उपज खराब हुई तो कभी सिंचाई नहरों से खेतों तक पानी न पहुंच पाने से बुवाई प्रभावित हो गई। लगातार नुकसान उठाने के बावजूद सब कुछ ठिक होने की उम्मीद ले किसानों ने खेतों को रुख किया। हाड़तोड़ मेहनत कर खेत तैयार कर अदरक की बुवाई की पर अब एक बार फिर किसानों की किस्मत साथ छोड़ गई। रानीखेत – खैरना स्टेट हाईवे से सटे कुंजगढ़ घाटी के टूनाकोट, तिपौला तथा सुकोली गांव के किसानों की अदरक की उपज झुलसा रोग की चपेट में आ गई है। कास्तकार डूंगर सिंह, देव सिंह, पूरन सिंह, सुंदर सिंह, खड़क सिंह के अनुसार उपज के बर्बाद होने से बीज की कीमत वसूल होना भी मुश्किल प्रतीत हो रहा है। किसानों ने सरकार से मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।