◾गहत, मास, भट्ट की उपज प्रभावित होने के कगार पर
◾पिछले वर्ष की अपेक्षा सत्तर फीसदी घटी पैदावार
◾पहले बारिश ने रुलाया अब बारिश ने करा दिया इंतजार
◾उपज प्रभावित होने से मायूस हुए धरतीपुत्र
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में गहत, मास व भट्ट की दाल की पैदावार प्रभावित हो गई है। उपज के प्रभावित होने से धरतीपुत्र निराश हैं। किसानों के अनुसार अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष करीब सत्तर फीसदी दाल की उपज प्रभावित हो चुकी है। बुआई के वक्त भारी बारिश व अब जरुरत के वक्त बारिश न होने से खेत में पौधे सूख चुके हैं। परेशान कास्तकारो ने नुकसान का उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
गांवो में लगातार चौपट होती खेतीबाड़ी से धरतीपुत्र परेशान हैं। जंगली जानवर आफत बनकर खेतों में टूट रहे हैं। जंगली जानवर खेतों को रौंद फसल को चौपट कर दे रहे हैं। किसान हाड़तोड़ मेहनत व दिन-रात खेतों का पहरा कर उपज को बचाने का प्रयास कर भी रहे हैं की मौसम का मिजाज किसानों की मेहनत पर भारी पड़ जा रहा है। कोसी घाटी के गांवों में गहत, मास व भट्ट की दाल की बंपर पैदावार होती है। अपने लाजवाब स्वाद के चलते दाल की बाजार में मांग भी बहुत है पर इस वर्ष किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है जरुरत के वक्त बारिश न होने से खेत सूख चुके हैं। बेतालघाट ब्लॉक के दाल उत्पादन धारी, खैरनी, बिसने, सीम, सिल्टोना, बजेडी़, जावा समेत तमाम गांवों में लगभग सत्तर फीसदी उपज प्रभावित हो चुकी है। कास्तकार बिशन सिंह जंतवाल के अनुसार अगस्त के महिने बुआई के वक्त भारी बारिश ने नुकसान पहुंचाया और अब जब बारिश की जरुरत थी तब बारिश ही नहीं हो सकी जिस कारण खेत सूख चुके हैं। उपज के प्रभावित होने से काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कहा की लगातार नुकसान से अब खेतीबाड़ी से मोहभंग भी होता जा रहा है। बिशने गांव के राजन सिंह, लक्ष्मण सिंह, दिनेश सिंह, लाल सिंह, मदन सिंह आदि किसानों ने नुकसान का उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।