= अप्रैल के पहले सप्ताह में प्रवाह कम होने से क्षेत्रवासी चिंतित
= सिंचाई व पेयजल योजनाएं भी हो सकती है प्रभावित

(((कुबेर जीना/अंकित सुयाल/महेन्द्र कनवाल/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))

पारा चढ़ने के साथ ही जीवनदायिनी कोसी नदी का जलस्तर भी कम होता जा रहा है। पानी कम होने से सिंचाई व पेयजल योजनाओं पर भी संकट मंडराने लगा है। तमाम प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने के कगार पर पहुंच चुके हैं।
तमाम गांवों के लिए जीवनदायिनी माने जाने वाली कोसी नदी का जलस्तर गर्मी बढ़ने के साथ ही कम होता जा रहा है। बेतालघाट क्षेत्र के तमाम गांवों को कोसी नदी से सिंचाई व पेयजल योजनाएं संचालित होती है पर लगातार कम हो रहे जलस्तर से योजनाएं भी प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। खैरना के समीप उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी भी कोसी नदी में मिलती है बावजूद लगातार प्रवाह कम होता जा रहा है। जीवनदायिनी कोसी नदी नहर में तब्दील होती जा रही है। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही जलस्तर कम होने से क्षेत्रवासी चिंतित हैं। लगातार घटता जलस्तर गांवों में पेयजल व सिंचाई योजनाओं को प्रभावित कर सकता है। कोसी नदी के आसपास प्राकृतिक जल स्रोतों में भी लगातार पानी घटता जा रहा है। क्षेत्रवासियों ने कोसी नदी को पुनर्जीवित किए जाने को शासन प्रशासन से ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है।