🔳 पांच सौ रुपये किलो तक पहुंच चुकी थी कीमत
🔳भाव बढ़ने पर लोगों ने कर लिया था रेडिमेड गार्लिक पेस्ट की ओर रुख
🔳अब तीन सौ रुपये किलो पर पहुंचा बाजार भाव
🔳आवाक बढ़ने से घटने लगी है कीमतें
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
साढ़े पांच सौ रुपये किलो तक की कीमत में पहुंचने के बाद अब लहसुन के तेवर ढीले पड़ गए हैं। कीमत घटने से अब दालों में तड़के का स्वाद लौट आया है। कीमत घटने से स्थानीय लोगों के साथ ही हाइवे पर स्थित होटल स्वामियों ने भी राहत की सांस ली है। वहीं कोसी घाटी के दुकानदार भी बड़ी मंडियों से बिर्की के लिए लहसुन मंगाने लगे हैं।
कोसी घाटी के गरमपानी, खैरना, बेतालघाट, सुयालबाड़ी बाजार में अब लहसुन फिर दिखाई देने लगा है। साढ़े पांच सौ रुपये किलो तक भाव बढ़ने से स्थानीय दुकानदारों ने भी हल्द्वानी व रामनगर मंडी से लहसुन मंगाना छोड़ दिया था। कीमते आसमान पहुंचने पर रसोई का जिम्मा संभालने वाली महिलाए भी लहसुन का मोह त्याग रेडिमेड गार्लिक पेस्ट से दाल व सब्जियों में लहसुन की कमी पूरा कर रही थी। पर अब किलो में दो सौ रुपये घटने से खरीदारों को राहत मिली है। बाजार में लहसुन तीन सौ रुपये किलो में उपलब्ध होने से होटल व्यवसाईयों व स्थानीय लोगो को राहत मिलने लगी है। कीमत घटने से रसोई में बनने वाली सब्जी व दाल में तड़का लगने से जायका भी बढ़ गया है। हाइवे पर स्थित होटल स्वामी विक्रम सिंह बिष्ट, शिवराज सिंह, पंकज नेगी, हीरा सिंह के अनुसार कीमत बढ़ने से लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा था। अब कीमत घटने से राहत मिलने की उम्मीद है। सब्ज़ी कारोबारी दीपक बिष्ट के अनुसार आवाक बढ़ने से कीमत कम हो चुकी है। अब हल्द्वानी स्थित बड़ी मंडियों से लहसुन मंगाया जा रहा है।