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= देश को आजादी दिलाने में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने वालों के परिवार जान जोखिम में डाल कर रहे आवाजाही
= पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने भी गांव में बनाया था अस्थाई कार्यालय जगाई थी क्रांति की अलख

(((फिरोज अहमद/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))

पर्वतीय क्षेत्रों में मोटर मार्गो के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांव की सड़क बदहाली पर आंसू बहा रही है। ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवाजाही करने को मजबूर है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से सटे बेतालघाट ब्लॉक के मझेडा़ गांव में करीब दस से ज्यादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार निवास करते हैं। स्वतंत्रता के आंदोलन में गांव के वासिदों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी की। यहां तक की स्वतंत्रता आंदोलन में मुख्य भूमिका में रहे पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने वर्ष 1930 में मझेडा़ गांव में बकायदा अस्थाई कार्यालय बना स्वतंत्रता के आंदोलन की रणनीति भी तैयार की। पंडित जी के संपर्क में आने पर ही गांव के तमाम लोग स्वतंत्रता के आंदोलन में कूद पड़े थे। गांव के तमाम लोगों ने आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की पर आज देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार ही बेहतर सड़क सुविधा के लिए जूझ रहे हैं। गांव को वर्षों पूर्व सड़क निर्माण किया गया पर विभागीय अनदेखी से सड़क जर्जर हालत में पहुंच चुकी है। जगह-जगह गड्ढे वह सुरक्षात्मक कार्य ना होने से दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। मोटर मार्ग की सुध न लेने से गांव के लोगों का पारा भी चढ़ते ही जा रहा है। क्षेत्रवासियों के अनुसार कई बार मोटर मार्ग को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही मोटर मार्ग को दुरुस्त नहीं किया गया तो सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।