◾ दस पदों के सापेक्ष महज एक केंद्र प्रभारी तैनात
◾ किसानों व क्षेत्रवासियों ने उठाई रिक्त पदों पर तैनाती की मांग
◾ केंद्र प्रभारी बोली – उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है सूचना
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
रातीघाट – बेतालघाट मोटर मार्ग पर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ विशेषज्ञो की कमी से जूझ रहा है। बीते कई वर्षों से केंद्र में महत्वपूर्ण दस विशेषज्ञों के पद रिक्त पड़े हैं। महज केंद्र प्रभारी के भरोसे केंद्र बामुश्किल संचालित है। किसानों व क्षेत्रवासियों ने केंद्र में समुचित विशेषज्ञो की तैनाती की मांग उठाई है। चेतावनी दी है की यदि उपेक्षा की गई तो फिर क्षेत्र के लोगों को साथ लेकर आंदोलन शुरु किया जाएगा।
पंडित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ में विशेषज्ञों की कमी से अब किसानों व क्षेत्रवासियों का पारा चढ़ने लगा है। आरोप लगाया है की विशेषज्ञो की कमी से केंद्र का लाभ नहीं मिल पा रहा साथ ही केंद्र में भी तमाम कार्य प्रभावित होते हैं। महज केंद्र प्रभारी के जिम्मे पूरा केन्द्र संचालित किया जाता है। जबकि तमाम योजनाओं के संचालन के साथ ही प्रशिक्षण आदि का आयोजन भी होता है। ऐसे में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। केंद्र में नियमानुसार पादप रोग, पादप प्रजनन, उद्यान विशेषज्ञ समेत दस विशेषज्ञों के पद स्वीकृत हैं पर महज केंद्र प्रभारी के तौर पर एक मात्र विशेषज्ञ की तैनाती है। कास्तकार बिशन जंतवाल, कृपाल सिंह, संजय सिंह, विरेंद्र सिंह, हीरा सिंह बिष्ट, दयाल सिंह आदि ने केंद्र में रिक्त पदों पर तैनाती की मांग उठाई है। ताकी किसानों को लाभ मिल सके। इधर केंद्र प्रभारी डा. अंजलि अग्रवाल के अनुसार रिक्त पदों की सूचना उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है। अधिकारियों ने जायजा भी लिया है। उम्मीद है जल्द ही रिक्त पदों पर तैनाती होगी।