= जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर गांव के वासिंदे
= कई बार आवाज उठाने के बाद नही हुई सुनवाई
= आपदा को चार माह बीतने के बावजूद नही सुधरे हालात
(((पंकज भट्ट/सुनील मेहरा/भरत सिंह/हरीश कुमार की रिपोर्ट))))
बेतालघाट ब्लॉक के सूदूर थुआ ब्लाक क्षेत्र में आपदा के बाद भी हालात जस के तस है। गांव के पैदल रास्ते भूस्खलन की जद में आकर ध्वस्त है। ग्रामीण जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर है।
आपदा के बाद से गांवो के पैदल मार्ग तक ध्वस्त है।बावजूद कोई सुध लेवा नही है। थुआब्लाक गांव के कोशीपोखरा तोक से जीआइसी ताडी़खेत तक पहुंचने वाला पैदल मार्ग बदहाल हालत में है। गांव के लोग मजबूरी में ध्वस्त पडे़ रास्ते में ही आवाजाही करने को मजबूर है। ग्रामीणों का आरोप है की कई बार रास्ते को दुरुस्त कराए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नही हो रही। गांव के लोग जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर है। लगातार उपेक्षा की जा रही है। कभी भी बडी़ घटना सामने आ सकती है। इधर कुंजगढ़ घाटी क्षेत्र में भी हाल बद से बदतर हैं। टूनाकोट शेरा क्षेत्र से गांव को जाने वाला रास्ता बदहाली का दंश झेल रहा है। इसी रास्ते से गांव के काश्तकार खेतों तक पहुंचते हैं। पर बीते अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद हुए भूस्खलन की जद में आकर रास्ता ध्वस्त हो चुका है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार ग्राम प्रधान तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य से रास्ते को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। स्थानीय सुनील मेहरा, श्याम सिंह, यशवंत सिंह, नंदन सिंह, मोहन सिंह, जोगा सिंह आदि ने रास्ते को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग की है।