◼️मलबे से भरी पड़ी नदी से आबादी क्षेत्र को बड़ा खतरा
◼️ आपदा को नौ माह बीतने के बावजूद आबादी की सुरक्षा को नहीं उठाए जा सके ठोस कदम
◼️ अब बरसात में नदी के उफान में आने से नुकसान का खतरा
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर बसे गरमपानी खैरना बाजार के ठीक पीछे बहने वाली उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी की तस्वीर भयावह स्थिति पैदा कर रही है। मलबे से भरे पड़े नदी क्षेत्र में बाढ़ आने पर आबादी पर भारी खतरा मंडरा रहा है। आपदा को नौ माह बीतने के बावजूद क्षेत्र की सुरक्षा को ठोस कदम ना उठाए जाने से लोग दहशत में हैं।
खतरे के मुहाने पर बसे गरमपानी खैरना क्षेत्र को उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी से भारी खतरा है। बीते वर्ष अक्टूबर में उफान में आई शिप्रा ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। आपदा के बाद शिप्रा तबाही के निशान छोड़ गई। नदी में भारी मलबा जमा होने से अब खतरा और बढ़ चुका है। अब शिप्रा नदी की चौड़ाई भी काफी हो चुकी है। लगातार आबादी को काट रही शिप्रा नदी में बाढ़ आने पर भारी नुकसान की आशंका है। हद तो यह है कि आपदा को नौ माह बीत जाने के बावजूद सुरक्षा के लिए ठोस प्रबंध नहीं किए जा सके। आबादी की ओर पूरे क्षेत्र को छोड़िए खतरे वाले स्थानों में तक बाढ़ सुरक्षा कार्य नहीं कराए जा सके हैं। कुछ दिन पूर्व हुई रिवर ड्रेनिग भी आधी अधूरी छोड़ दी गई है। जिससे खतरा कई गुना बढ़ चुका है। नौ माह तक बाढ़ सुरक्षा के एक ठोस प्रबंध ना किए जाने के बाद अब प्रशासन ने बाजार क्षेत्र के लोगों को नोटिस थमा सुरक्षित स्थान पर जाने के आदेश जारी किए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि पहले सुरक्षा के लिए कार्य नहीं किया गया अब नोटिस जारी कर दिए गए हैं। बगैर चिन्हित स्थानों के सुरक्षित स्थानों में जाने के आदेश जारी किए जाने पर क्षेत्रवासियों ने गहरी नाराजगी जताई है।