◾ ब्रितानी दौर के सेतु की उपेक्षा पर लोगों में नाराजगी
◾ गड्ढे पर पत्थरों का ढेर कर रहा अफसरों की लापरवाही की हकीकत बयां
◾पुल के रखरखाव की उठी पुरजोर मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर खैरना क्षेत्र में कोसी नदी पर बने वर्षों पुराने ऐतिहासिक सेतू पर अफसरों की अनदेखी भारी पड़ चुकी है। उपेक्षित सेतू के बीच में गड्ढे पर रखे पत्थर अधिकारियों की लापरवाही की हकीकत बंया कर रहे हैं। हालांकि अब नया सेतू भी तैयार हो चुका है पर ब्रितानी दौर में बने एतिहासिक सेतू की अनदेखी से लोगों में नाराजगी है। क्षेत्रवासियों ने वर्षों से सेवा देने वाले सेतू के रखरखाव को ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है।
कोसी नदी पर ब्रितानी दौर में तैयार सेतु ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उड़द व चूने के गारे से तैयार पुल के दोनों और बनी मजबूत बुनियाद को कोसी के वेग तक नहीं हीला सका। वर्षों से रोजाना भारी भरकम वाहनों का दबाव झेलने वाला ब्रितानी दौर का ऐतिहासिक सेतू अब अफसरों की अनदेखी का शिकार हो चुका है। पुल के बीच गड्ढे पर रखे पत्थरों का ढेर अफसरों की लापरवाही की हकीकत बयां कर रहा है। वर्षों से सेवा देने वाले पुल की ऐसी अनदेखी समझ से परे है। क्षेत्र के लोगों ने ऐतिहासिक पुल की अनदेखी पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है कि नया पुल तैयार हो चुका है पर वर्षों से सेवा देने वाले पुल की उपेक्षा ठीक नहीं है। पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापारियों व क्षेत्रवासियों ने पुराने पुल की मरम्मत को ठोस उपाय किए जाने की मांग की है ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इस पुल का भी इस्तेमाल हो सके।