🔳 दस महीने से बंद पड़ा है महत्वपूर्ण मोटर मार्ग
🔳 जिम्मेदारों के सुध न लेने पर ग्रामीणों का सब्र दे गया जवाब
🔳 रिखोली – फडिका मोटर मार्ग की अनदेखी पर लोगों में रोष
🔳 मलबा हटाने को लगवाई गई लोडर मशीन
🔳 अफसरों पर लगाया उपेक्षा किए जाने का आरोप
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के सूदूर गांवों के बाशिंदों ने दस महीने से बंद पड़े महत्वपूर्ण रिखोली फडिका मोटर मार्ग को खोलने के लिए कवायद तेज कर दी है। विभागीय उपेक्षा से आहत गाके लोगों ने भी चंदा एकत्र कर लोडर मशीन से मलबा हटाने का कार्य शुरु करवा तंत्र को आइना दिखा दिया। ग्रामीणों के अनुसार पिछले डेढ़ वर्ष के अंतिम में अबकी तीसरी बार चंदा एकत्र कर रोड खुलवाने का कार्य करवाया जा रहा है। सूदूर गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने को भारी भरकम सरकारी बजट कर मोटर मार्ग तो तैयार कर लिए गए है पर विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से मोटर मार्ग खस्ताहाल है। रातीघाट बेतालघाट मोटर मार्ग से तमाम गांवों को जोड़ने वाला रिखोली फडिका मोटर मार्ग भी विभागीय अधिकारियों की अनदेखी का शिकार है जिसका खामियाजा गांवों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। खस्ताहाल सड़कों पर आवाजाही बड़ी दुर्घटना की ओर इशारा कर रही है बावजूद जिम्मेदार सुध नहीं ले रहे। रिखोली फडिका मोटर मार्ग भी जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी भुगत रहा है। पिछले दस महीने से बंद पड़े मार्ग की सुध न लेने पर आखिरकार ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। मंगलवार को गांव के लोगों ने चंदा एकत्र कर लोडर मशीन गांव बुलवाई तथा मोटर मार्ग से मलबा हटाने का कार्य शुरु करवा दिया। स्थानीय कैलाश बुधलाकोटी के अनुसार कई बार अधिकारियों को मोटर मार्ग से मलबा हटाने को कहा गया पर सुध नहीं ली आखिरकार गांव के लोगों ने आपस में पैसे एकत्र कर रोड खोलने का जिम्मा उठा लिया। गांव के करीब डेढ़ सौ से ज्यादा परिवार लंबे से रोड बंद होने से परेशानी का सामना कर रहे थे। मोटर मार्ग खोलने को मोहन सिंह, रंजीत सिंह, मदन सिंह, बचे सिंह, गोधन सिंह, हरेन्द्र सिंह, भुपेंद्र सिंह, गुसाईं सिंह, पुष्कर सिंह, ईश्वर सिंह, प्रताप सिंह, मान सिंह, पूरन, भूपेंद्र सिंह, घनश्याम समेत कई ग्रामीणों ने चंदा एकत्र किया है।