= रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे तमाम गांवों में रसोसी गैस संकट गहराया
= लोगों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना
= ग्रामीणों ने उठाई व्यवस्था में सुधार की मांग

(((सुनील मेहरा/पंकज नेगी/हरीश कुमार की रिपोर्ट)))

आपदा के बाद तमाम व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई है। समीपवर्ती गांवों में रसोई गैस का संकट पैदा हो गया है जिसके चलते ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोगों ने तत्काल आपूर्ति दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक कहा है कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।

रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे चौपड़, कमान,टूनाकोट, मंडलकोट समेत तमाम गांवों में पिछले डेढ़ माह से रसोई गैस की आपूर्ति नहीं हो सकी है जिस कारण गांव के लोग परेशान हैं। लोगों को दूरदराज जाकर रसोई गैस की व्यवस्था करनी पड़ रही है। जिसमें काफी समय व पैसे की बर्बादी हो रही है। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि डेढ़ माह पूर्व आपूर्ति होने के बाद गांवो की सुध नहीं ली जा रही है। अधिकांश गांवों में पलायन होने से अब अधिकांश परिवारों में बुजुर्ग ही शेष रह गए हैं जिस कारण बुजुर्ग परेशान हो चुके हैं। स्थानीय सुनील मेहरा, झूंगर सिंह, गोविंद सिंह, दीवान सिंह, कृपाल सिंह, आंनद सिंह आदि लोगों ने तत्काल रसोई गैस की आपूर्ति किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है कि यदि गांवों के लोगों की उपेक्षा हुई तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाऐगी।