= ज्योलीकोट से क्वारब तक आपदा से क्षतिग्रस्त हाईवे को दुरुस्त करने के लिए नहीं हुआ बजट आवंटन
= 51 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को नहीं मिली एनएच हाईकमान से हरी झंडी
= अब दोबारा दो चरणों में प्रस्ताव भेजने की तैयारी

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कुमाऊं की लाइफ लाइन के दुरुस्त होने की दूर-दूर तक उम्मीद नजर नहीं आ रही। आपदा से जगह जगह ध्वस्त हाईवे की मरम्मत को सड़क व भूतल मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव 51 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिल सकी है। अब एनएच प्रशासन दोबारा ज्योलीकोट से खैरना तथा खैरना से क्वारब तक आपदा में ध्वस्त हाइवे को दुरुस्त करने के लिए प्रस्ताव बनाने में जुट गया है। फिलहाल अभी यात्रियों को बदहाल हाईवे पर ही आवाजाही करनी पड़ेगी।
बीते वर्ष अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद कुमाऊं की लाइफ लाइन जगह-जगह बदहाल हो गई। कई जगह भूस्खलन व नदी के रोद्र रुप में आने से हाईवे ध्वस्त हो गया। ज्योलीकोट से क्वारब तक कई जगह हाईवे को भारी नुकसान पहुंचा। संबंधित विभाग ने नुकसान का सर्वे कर हाईवे को दुरुस्त करने के लिए 51 करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत का प्रस्ताव सड़क व भूतल मंत्रालय को भेजा पर बजट को स्वीकृति नहीं मिल सकी जिस कारण हाईवे आज भी जगह-जगह बदहाल हालत में है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सड़क व भूतल मंत्रालय से अब दोबारा प्रस्ताव मांगा गया है। पहले ज्योलीकोट से क्वारब तक प्रस्ताव बनाया गया था अब ज्योलीकोट से खैरना तथा खैरना से क्वारब तक अलग अलग दो चरणों में प्रस्ताव बनाकर मंत्रालय को भेजा जाएगा जिसकी कवायद तेज कर दी गई है फिलहाल अभी हाईवे पर बजट न मिलने से मरम्मत का कार्य नहीं हो सकेगा जिस कारण लोगों को बदहाल हाईवे पर ही आवाजाही करनी पड़ेगी। एनएच के सहायक अभियंता जीके पांडे के अनुसार अब दोबारा दो चरणों में प्रस्ताव बनाकर सड़क व भूतल मंत्रालय को भेजा जाएगा।