🔳खैरना के समीप कोसी नदी पर स्थित है ऐतिहासिक सेतू
🔳उड़द की दाल व चूने के गारे से बनी बुनियाद आज भी अखम
🔳प्री वैडिंग शूट व फोटोग्राफी को रोजाना पहुंचते हैं पर्यटक
🔳पर्यटन गतिविधियों बढ़ने से पर्यटन व्यवसाय में भी होगा इजाफा
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कोसी नदी पर बनी ब्रितानी दौर की रानीखेत पुल पर पर्यटन गतिविधियां संचालित करने तथा सेल्फ़ी पांइट बनाने की मांग तेज हो गई है। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने सेतू की मरम्मत कर पुल को पर्यटकों की आवाजाही के लिए खोलने की मांग उठाई है।
खैरना बाजार के समीप कोसी नदी पर बनी वर्षों पुरानी ब्रितानी दौर के सेतू के विकल्प के तौर पर करोड़ों रुपये की लागत से नया सेतू अस्तित्व में आ चुका है। नए पुल के बन जाने से अब पुराने सेतू पर आवाजाही बंद हो चुकी है। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष विरेन्द्र सिंह बिष्ट के अनुसार ब्रितानी दौर का सेतू ऐतिहासिक धरोहर है। उड़द की दाल व चूने के गारे से तैयार पुल की बुनियाद आज भी अखम है। देखरेख के अभाव में पुल को नुकसान होने का अंदेशा भी बना हुआ है। जबकि अब भी ब्रितानी दौर का सेतू पर्यटकों को आकर्षित करता है। रोजाना पर्यटक फोटोग्राफी व प्री वेडिंग शूट के लिए वर्षों पुराने सेतू पर पहुंचते हैं। व्यापारी नेता गजेंद्र सिंह नेगी, मनीष तिवारी, फिरोज अहमद, राकेश जलाल, मनोज नैनवाल, हीरा सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह खनायत, सुनील मेहरा, आंनद सिंह, महेंद्र सिंह, पंकज नेगी आदि ने ब्रितानी दौर के ऐतिहासिक सेतू की मरम्मत कर पर्यटकों के लिए खोलने की मांग उठाई है। व्यापारियों के अनुसार पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।