= चुनाव नजदीक आने के साथ शुरू हुआ खेला होबे का खेल
= सत्ता के गलियारों में मच गई हलचल
= चुनावी नारे याद करने में भी करना ना पड़ जाए होमवर्क

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कुछ दिन पहले तक ठंड का एहसास होने लगा था पर एकाएक बदलते राजनीतिक घटनाक्रम ने पारा चढ़ा दिया है। सत्ता के गलियारों में हलचल है। कुछ दिन पहले तक नमो नमो की रट लगाने वाले अब पार्टी बदल चुके नेताओं के संग दूसरी पार्टी के जयकारे लगाने को तैयार है। पहले यात्रा, रैली के जरिए माहौल बनाने के बाद अब मिठाइयों का दौर शुरू हो गया है। कहीं आने की मिठाई तो कहीं जाने की मिठाई बट रही है। बटती मिठाइयों के बीच गांवों की पीड़ा किसी को नजर नहीं आती हालात जस के तस हैं। बस लालच है तो सत्ता का। बंगाल के बाद अब उत्तराखंड में खेला होबे शुरू हो गया है।
आजकल नैनीताल विधानसभा का माहौल और मौसम कुछ बदला-बदला सा है। कांग्रेस कार्यालयो में भाजपा छोड़कर आए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्या व उनके पुत्र संजीव आर्या के आने की खुशी है। पटाखे फोड़ मिष्ठान वितरित किया जा रहा है तो वहीं भाजपा कार्यालय में भी खुशी का माहौल है। कार्यकर्ता मिष्ठान वितरित कर रहे हैं। पानी पी पीकर दोनो नेताओं को कोस रहे है। गजब की बात है कि चार साल तक इन दोनों नेताओं के लिए माला लेकर खड़े रहने वाले कार्यकर्ता आज दोनो नेताओं के पार्टी छोड़ने पर ही मिठाई बांट रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं को नारेबाजी करने के लिए होमवर्क करने की जरूरत आन पड़ी है। बहरहाल जो भी हो कोई भाजपा में जाए या कोई कांग्रेस में पर आज भी समस्याएं जड़ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मुद्दे खड़े हैं। मुद्दों से हटकर बस खेला होबे में मस्त है।