= पंचायतों में दो वर्ष का पूरा होने को है कार्यकाल
= दो गांव में नहीं हो सके पंचायत चुनाव
(((वीरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट)))
बेतालघाट ब्लॉक में 75 ग्राम पंचायतों में से दो ग्राम पंचायतों में अभी तक गांव के मुखिया का चुनाव नहीं हो सका है। जबकि दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने को है। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने गांव में प्रशासक नियुक्त कर रखे हैं पर मुखिया ना होने से गांव के लोगों को कई अन्य कार्यों में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बेतालघाट में पंचायतों के कार्यकाल को दो वर्ष पूरे होने को है पर ब्लॉक के रोपा व सीम गांव में अभी तक गांव की सरकार अस्तित्व में नही आ सकी है। पूर्व में हुए पंचायत चुनावों में रोपा व सीम गांव में ग्राम प्रधान का पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गया पर गांव में एक भी अनुसूचित जाति वर्ग का प्रत्याशी ना होने से चुनाव नहीं हो सका। ऐसे में ब्लॉक मुख्यालय से दोनों गांवों में प्रशासक नियुक्त कर दिए गए। विकास कार्य ना रुके इसके लिए प्रशासको को जिम्मेदारी दे दी गई पर गांव में ग्राम प्रधान ना चुने जाने से लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुखिया के ना होने से लोग समस्याओं के समाधान को आवाज भी बुलंद नहीं कर पा रहे। नेतृत्व न मिलने से समस्याएं बढ़ती ही चली जा रही हैं। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी ने दोनों गांवों में ग्राम प्रधान का चुनाव कराए जाने की मांग की है। संगठन के प्रदेश सचिव ने स्पष्ट किया है कि मुखिया का चुने जाने से गांव की तमाम समस्याओं से निजात मिल सकेगी।
ग्राम प्रधान ना होने से तमाम दिक्कतें हैं। विधवा, दिव्यांग पेंशन तथा अन्य तमाम प्रपत्रों में मोहर तथा ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर जरूरी होते है। ऐसे में प्रशासक का इंतजार करना पड़ता है। कोरोना संकट भी काफी दिक्कतें हुई। विकास कार्यों को भी गति नहीं मिल पा रही।
तारा भंडारी, सरपंच, रोपा गांव
दोनों गांवों में चुनाव नहीं हो सके है। मामले से जुडी़ जानकारी शासन को भेज दी गई है। शासन से दिशा निर्देश मिलने के बाद ही दोनों गांवों में चुनाव कराया जाएगा। फिलहाल प्रशासको की तैनाती की गई है
डीके सुयाल, बीडीओ, बेतालघाट