◾आपदा की मार से अब सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं ले पा रहे किसान
◾ कोसी घाटी में किसानों ने हाथ किए खड़े
◾ खेत बह जाने के कारण पॉलिहाउस लगाने में जताई असमर्थता
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
आपदा की मार से कोसी घाटी के वासिदें उभर ही नहीं पा रहे हैं। आलम यह है की अब सरकारी योजनाओं को लाभ तक किसान नहीं ले पा रहे है। उद्यान विभाग से पॉलिहाउस योजना स्वीकृत होने के बाद किसानों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। उत्तरवाहिनी शिप्रा के वेग में खेतों के बह जाने का कारण बता योजना का लाभ न लें पाने का हवाला दिया है।
बीते वर्ष अक्टूबर की आपदा के जख्म अभी भर भी नहीं सके थे कि बीते दिनों लगातार पांच दिनों तक हुई बारिश ने एक बार फिर जख्मों को हरा कर दिया है। किसानों के खेत रोखड़ा में तब्दील हो चुके हैं। बीते वर्ष कृषि भूमि का जो मुआवजा मिला वो भी नाकाफी साबित हुआ। अब हालात ऐसे है की किसान सरकारी योजनाओं तक का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। दरअसल गरमपानी खैरना क्षेत्र के किसानों के लिए उद्यान विभाग से अस्सी फिसदी अनुदान पर पॉलिहाउस स्वीकृत हुए हैं। 1.21 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पॉलिहाउस में किसानों को महज 24380 रुपये का भुगतान करना था। विभाग का मकसद योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिकी मजबूत करना था पर आपदा ने किसानों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक किसानों ने खेतों के रोखड़ में तब्दील होने का हवाला दिया है। उद्यान विभाग गरमपानी के प्रभारी दीपक साह के अनुसार किसानो ने खेतों के खस्ताहाल होने के कारण पॉलीहाउस लगाने में असमर्थता जताई है।