= तेजपत्ता उत्पादक किसानों के लिए राहत भरी खबर
= भूमि के अभिलेख भेजने होंगे देहरादून स्थित मुख्यालय
= पंजीकरण के बाद भेषज इकाई बनाएगी रमन्ना
(((विशेष संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट)))
लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू व मौसम की मार से लगातार नुकसान झेल रहे धरतीपुत्रों के लिए राहत भरी खबर है। तेजपत्ता उत्पादन करने वाले किसानों को अब निशुल्क रजिस्ट्रेशन कर रमन्ना उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि किसान उपज को बड़ी मंडियों तक आसानी से पहुंचा सकें।
बेतालघाट ब्लॉक के बजेडी़, सिल्टोना, घुना, पाडली, लोहाली, धारी, उल्गौर, बेतालघाट, अजीकुला, नौघर आदि तमाम गांवों में करीब पांच सौ से ज्यादा काश्तकारों ने अपनी कृषि भूमि में तेजपत्ते के पौधे रौप हाड़तोड़ मेहनत कर उत्पादन शुरू किया। संगध पौधा केंद्र सेलाकुई(देहरादून) ने इसकी मॉनिटरिंग भी की। शुरुआत में सब कुछ सही रहा पर ठीक विपणन के समय स्थिति बदल गई। बिना रमन्नै के के तेजपत्ते को बड़ी मंडियों तक नहीं पहुंचाया जा सका ऐसे में किसानों की उपज काफी बर्बाद हुई। बाद में लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू तथा मौसम की मार ने किसानो की कमर ही तोड़ दी पर अब संगध पौधा केंद्र ने किसानों को लाभ दिलाने के मकसद से निशुल्क रजिस्ट्रेशन की कवायद तेज कर दी है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो किसानों को भूमि के अभिलेख डाक के माध्यम से देहरादून स्थित मुख्यालय भेजने होंगे। पंजीकरण हो जाने पर काश्तकारों को भेषज इकाई भीमताल से रमन्ना उपलब्ध कराया जाएगा ताकि किसान आसानी से अपनी उपज को बड़ी मंडियों तक पहुंचा सके। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस पर कार्य तेज कर दिया गया है। संगध पौधा केंद्र के जिला प्रभारी शंकर लाल सागर ने बताया की किसानों को डाक के माध्यम से भूमि संबंधी अभिलेख संगध पौधा केंद्र सेलाकुई (देहरादून) स्थित मुख्यालय भेजने होंगे।पंजीकरण होने के बाद भेषज ईकाई से रमन्ना जारी होगा। प्रयास किया जाएगा कि किसानों को लाभान्वित किया जा सके।