= नैनीताल जिले में करीब 5.7 करोड़ रुपये का नुकसान
= पेड़, पौधे, कृषि भूमि सबकुछ तबाह
= बागबानो को मरहम लगाने की कवायद शुरू

(((दलिप नेगी/मनोज पडलिया/भाष्कर आर्या/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))

मूसलाधार बारिश से उफान में आए नदी नालों व भूस्खलन ने जिले के फल उत्पादकों बागबानो को भारी नुकसान पहुंचाया। जगह-जगह पेड़ पौधे भूस्खलन की जद में आकर जमीनदोंज हो गए। उद्यान विभाग के अनुसार अकेले नैनीताल जनपद में करीब 5. 6 का करोड रुपये की क्षति आंकी गई है। नुकसान का सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

पिछले दो वर्ष कोरोना संकट में ही उपज बर्बाद होने के बाद सब कुछ ठीक होने की उम्मीद से फल उत्पादक किसानों ने दोबारा हाड़तोड़ मेहनत कर खेतो व बागानों को रुख किया। सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले बेहतर शुरुआत भी की पर ठीक समय पर आपदा ने सब कुछ तबाह कर दिया। बीते 18 व 19 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश से रामगढ़, बेतालघाट, ओखलकांडा, धारी समेत जिले के अन्य ब्लॉकों के फल व सब्जी उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। फल पौधे नष्ट होने के साथ ही उपजाऊ भूमि भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गई। नर्सरी,खेत बागान रोखड़ में तब्दील हो चुके हैं। जिला उद्यान अधिकारी भावना जोशी के अनुसार नैनीताल जिले में करीब 5.6 करोड रुपये की क्षति आंकी गई है। बताया कि नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। वही बागबानो को दोबारा शुरुआत के लिए पेड़ पौधे उपलब्ध कराने तथा अनुदान पर भी अन्य सामग्री उपलब्ध कराने का दावा किया है।