🔳हजारों की संख्या में वीर सपूत को विदाई देने पहुंचे लोग
🔳तमाम ब्लाकों से सुबह ही संजय के घर पहुंचने का सिलसिला हुआ शुरु
🔳छुट्टियों पर घर आए फौजी भी साथी को विदाई देने पहुंचे
🔳हर किसी की आंखें हुईं नम, साथ बिताए पलों को करते रहे याद
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर वीर सपूत संजय को आखरी विदाई देने को आसपास के गांवों से उमड़ा लोगों का हूजूम संजय की लोगों के बीच स्नेह की डोर की मजबूती का गवाह बना। बेतालघाट ही नहीं बल्कि ताड़ीखेत, रामगढ़ व हवालबाग, कोटाबाग, रामनगर ब्लॉक से भी लोग शहीद के आवास पहुंचे। यहीं नहीं छुट्टी पर घर आए फौजी भी संजय को अंतिम विदाई देने पहुंचे। संजय के साथ बिताए पलो को याद कर लोगों की आंखें छलक उठी। भारत माता के जयकारों से समूचा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा।
जम्मू के राजौरी में भारत मां की चरणों में बलिदान देने वाले वीर सपूत को अंतिम विदाई देने पहुंचे लोग संजय के साथ बिताए पलों को याद कर फफक पड़े। क्षेत्र के लाडले संजय सबका दुलारा था। सबको प्रेम के धागे में पिरोकर रखने वाले वीर सपूत की एक झलक देखने को बेताब रहे। रानीखेत में संजय के साथ तैनात रहे सैन्य कर्मी साथ बिताए पलों को याद कर कहते हैं की शुरुआत से ही संजय बेहद जांबाज रहा साथ ही यूनिट में भी उसने सबके दिलों में खास जगह बनाई। परिजन कहते हैं की जब भी संजय छुट्टी आता तो पूरे गांव में घुमकर सबकी कुशल क्षेम पूछता। सड़क में मिलने पर लिपट जाता। जरुरतमंदों की मदद को हमेशा आगे बढ़ता। बेहद सौम्य, मिलनसार संजय के शहीद होने से पूरा क्षेत्र शोक में डूबा रहा।

जब तक सूरज चांद रहेगा, संजय तेरा नाम रहेगा

शहीद संजय के घर पहुंचे लोग गमगीन रहे। आंखों में आंसू ले दिन भर शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने का इंतजार करते रहे तकरीबन तीन बजे के आसपास जब संजय का पार्थिव शरीर रातीघाट पहुंचाए तो समूचा क्षेत्र जब तक सूरज चांद रहेगा, संजय तेरा नाम रहेगा तथा भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। शहीद के आवास से करीब एक किमी की यात्रा शिप्रा नदी के तट पर पहुंची। सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई।