🔳हिंदुस्तान के प्रति दिल में बो रहे नफरत का बीज
🔳शहीद संजय का पार्थिव लेकर पहुंचे सैन्य कर्मियों ने साझा किए अनुभव
🔳बलिदानी वीर सपूत संजय को बताया दिलेर
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

सीमा पर आंतकी संगठन नौजवानों को बरगला कर उनके हाथों में हथियार थमा रहे हैं। देश के प्रति नफरत पैदा कर शिक्षा से दूर कर रहे हैं। हालात ऐसे हैं की बेहद कम उम्र के नौजवानों तक को घुसपैठ के लिए आगे भेज दिया जा रहा है। शहीद संजय सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे सैन्य कर्मियों ने बोर्डर के अनुभव साझा कर बलिदानी सपूत संजय को बेहद दिलेर बताया।
भारतीय सीमा खासकर जम्मू से सटे इलाकों में आंतकियो की घुसपैठ रोकने को विशेष आपरेशन चलाए जाते हैं। देश की सीमाएं सुरक्षित रहे इसके लिए भारत माता के वीर सपूत सीमाओं पर दिन रात डूयूटी निभाते हैं। भारत माता की आन, बान, शान को रातीघाट निवासी वीर सपूत संजय सिंह बिष्ट ने सर्वोच्च बलिदान दे दिया। सैन्य कर्मियों के अनुसार सीमापार के युवाओं को आंतकी संगठन बरगला कर मोर्चे पर भेज देते हैं। नौजवानों को ये जानकारी भी नहीं होती की वो घुसपैठ क्यों और किसके लिए करते हैं। आंतकी संगठन अशिक्षित युवाओं को निशाने पर लेते हैं। दिलों में नफरत का बीज बोकर बंदूक चलाने का प्रशिक्षण दे उन्हें बॉर्डर पर भेज दिया जाता है। भारत सरकार सीमावर्ती इलाकों पर स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के लिए तेजी से काम कर रही है जिससे कई लोग अब शिक्षित होने लगे हैं पर आतंकी संगठन लगातार गतिविधियां तेज कर रहे हैं। जिसका जवाब मजबूरन गोलियों से देना पड़ता है। सैन्य कर्मियों ने देश के लिए बलिदान देने वाले जांबाज शहीद संजय सिंह बिष्ट को दिलेर इंसान बताया। कहा की कई आपरेशन में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने वाले शहीद संजय हमेशा से गंभीरता से कार्य करते। खुशमिजाज व सबका ध्यान रखने वाले वीर सपूत को याद कर सैन्य कर्मियों की आंखे भी भर आई।