◾ नौनिहालों का भविष्य होता जा रहा अंधकारमय
◾जीआइसी गरजोली में महत्वपूर्ण विषयों के प्रवक्ताओं के पद रिक्त
◾पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापारियों तथा राजनैतिक व गैर राजनीतिक संगठनों में रोष

पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। शिक्षक विहीन होते विद्यालय सरकार के दावों को मुंह चढ़ा रहे हैं। गुरुजनों के अभाव में गांव के बच्चों का भविष्य भी अंधकार में होता जा रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापारियों व विभिन्न राजनीतिक तथा गैर राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने शिक्षा विभाग पर नौनिहालों के हितों से खिलवाड़ का आरोप लगा है। चेतावनी दी है कि यदि जल्द विद्यालयों में समुचित शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई तो शिक्षा विभाग के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।
बेतालघाट ब्लॉक में स्थित तमाम विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने पहुंच रहे नौनिहाल समुचित शिक्षकों के ना होने से मायूस है वहीं अभिभावकों, पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापारियों तथा राजनैतिक व गैर राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों में भी भारी नाराजगी है। प्राथमिक विद्यालयों में तो हालात विकट है ही राजकीय इंटर कॉलेज भी शिक्षक विहीन होते जा रहे हैं। सुदूर गरजोली गांव में स्थित जीआइसी में लंबे समय से भौतिक विज्ञान, संस्कृत, अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र तथा अर्थशास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त है। प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त है। प्रभारी प्रधानाचार्य जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के ना होने से 236 संख्या वाले विद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित होती जा रही है। लोग कई बार समुचित शिक्षकों की तैनाती की मांग उठा चुके हैं पर विभाग के उच्च अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी, क्षेत्रीय जन विकास संघर्ष समिति उपाध्यक्ष पूरन लाल साह, व्यापारी नेता गजेंद्र नेगी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, कांग्रेसी नेता कृपाल सिंह मेहरा, हरीश चंद्र, पंकज भट्ट, कुबेर सिंह जीना, हरीश कुमार, मदन सिंह, मनोज नैनवाल आदि लोगों ने शिक्षा विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। जल्द विद्यालयों में समुचित शिक्षकों की तैनाती न किए जाने पर आंदोलन का ऐलान कर दिया है।