= एक ही जगह पर लगा दी गई है कई स्ट्रीट लाइट
= लोगों ने उठाए गुणवत्ता व विभागीय कार्यशैली पर सवाल
(((हरीश चंद्र/पंकज भट्ट/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))
सरकार ने गांवों को रोशन करने के लिए स्ट्रीट लाइट में करोड़ों का बजट खर्च किया पर गुणवत्ता विहीन लाइट लगाए जाने से कई लाइट समय से पूर्व ही दम तोड़ने लगी ऐसे में गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो रहा है।
प्रदेश सरकार ने गांवों को स्ट्रीट लाइट के माध्यम से रोशन करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया पर विभागीय हीलाहवाली व गुणवत्ता विहीन स्ट्रीट लाइटों के चलते कई लाइटें दम तोड़ चुकी हैं ऐसे में लाइटों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। जगह-जगह स्ट्रीट लाइटे ठप हो चुकी है। आलम यह भी है कि एक ही जगह पर कई स्ट्रीट लाइटें लगाई गई है जिससे विभाग की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं कई जगह स्ट्रीट लाइट लगी ही नहीं है तो कहीं एक जगह दो से ज्यादा लाइट लगा दुरुपयोग किया गया है जिस पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं क्या एक ही जगह पर दो से ज्यादा लाइट लगा सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं किया गया। लोगों ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा एक ही जगह पर कई लाइट लगाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने तथा स्ट्रीट लाइटों की गुणवत्ता की भी जांच किए जाने की मांग उठाई है।