tikhinazar

= गुणवत्ताविहीन लाइटे दे गई कुछ दिनों में जवाब
= ग्रामीणों ने उठाई व्यवस्था में सुधार की मांग

(((सुनील मेहरा/हरीश कुमार/विरेन्द्र बिष्ट की रिपोर्ट)))

सरकार ने गांवों में पथ प्रकाश के लिए स्ट्रीट लाइट के लिए भारी-भरकम बजट की स्वीकृति दी लाइट स्थापित की गई पर गुणवत्ता विहीन लाइटे अब बंद हो चुकी हैं। जिससे ग्रामीणों को रात्रि के वक्त आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वही जंगली जानवरों का भी खतरा बढ़ गया है।
गांव में लगी स्ट्रीट लाइटें शोपीस बनकर रह गई है। मंडलकोट चौराहे पर लगी लाइट शोपीस बन राजनीतिक पार्टियों के बैनर लटकाने के काम आ रही है। लोगों को इसका लाभ भी नहीं मिल रहा। थुवा ब्लॉक में भी कई स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी है। लोग कई बार व्यस्त लाइटों को दुरुस्त करने की मांग उठा चुके हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। इधर रानीखेत खैरना मोटर मार्ग पर बाजार क्षेत्रों में लगी कई लाइट बंद है। बैटरी खराब हो चुकी है बावजूद कोई सुध लेने वाला नहीं है। मुनाफे के फेर में गुणवत्ता विहीन लाइटें स्थापित कर सरकारी धनराशि की बर्बादी की गई है। क्षेत्रवासियों ने मामले की गुणवत्ता वहीं लाइटों में खर्च की गई धनराशि की जांच की मांग उठाई है। गांवों में नई गुणवत्ता युक्त लाइटे स्थापित किए जाने की भी मांग की है।