= मर्नसा में बोल्डर की चपेट में आने से कई वाहन सवार बाल बाल बचे
= काकड़ीघाट द्वारसो मोटर मार्ग पर घंटे भर बाधित रही आवाजाही
= जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हुए यात्री

(((कुबेर सिंह जीना/महेंद्र कनवाल/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))

बारिश होने के साथ ही अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर ग्रामीण सड़कों पर जोखिम बढ़ गया है। जगह-जगह पत्थर गिरने से हादसों का खतरा दोगुना हो चुका है। हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाला द्वारसौ ककड़ीघाट मोटर मार्ग पर घंटे भर आवाजाही बाधित रही वही हाईवे पर मर्नसा के समीप बोल्डर गिरने से कई वाहन सवार बाल बाल बचे।
बारिश के साथ ही जर्जर पहाड़ियां अब जवाब देने लगी हैं। सोमवार को हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले काकडीघाट द्वारसौ मोटर मार्ग पर काकडी़घाट बाजार से कुछ पहले ही पहाड़ी से भूस्खलन का मलबा मोटर मार्ग पर पहुंच गया। मलबे व पत्थर गिरने से आवाजाही ठप हो गई। सब्जी से लदे वाहनो के चक्के भी थम गए। बारिश बढ़ने से काफी कीचड़ मोटर मार्ग पर जमा हो गई। बाद में लोडर मशीन की मदद से मलबा हटाया गया तब जाकर बमुश्किल घंटेभर बाद आवाजाही सुचारू हुई। लोगों ने उक्त स्थान पर कलमठ निर्माण की मांग उठाई। उधर अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर मर्नसा के समीप पहाड़ी से एकाएक बोल्डर हाईवे पर आ गिरा। आवाजाही कर कर रहे वाहन बाल-बाल बचे। कुछ देर जाम भी लगा रहा। पत्थरों के गिरने का क्रम थमने के बाद बमुश्किल आवाजाही सुचारू हुई। काकड़ीघाट, दोपांखी, पाडली, जौरासी, भोर्या बैंड आदि क्षेत्रों में भी रुक रुक कर पत्थर गिरते रहे। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर भी कनवाड़ी की पहाडी़ से पत्थरों की बरसात हुई। हालांकि खतरे के बीच आवाजाही सुचारू रही।