= मनमानी पर न्यायालय की शरण में जाने का एलान
= गांव के लोगों के मौत के मुंह में धकेलने का लगाया आरोप
= बढेरी क्षेत्र में स्टोन क्रेशर की भूमि के सर्वे के लिए पहुंची थी टीम
((((विरेंद्र बिष्ट/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
बढेरी क्षेत्र में स्टोन क्रेशर की भूमि के सर्वे को पहुंचे विभागीय अधिकारियों को देखते ही ग्रामीणों का पारा चढ़ गया। ग्रामीणों ने नारेबाजी की। कहा कि बढेरी क्षेत्र में स्टोन क्रेशर नहीं लगने दिया जाएगा। कहा कि यदि मनमानी की गई तो न्यायालय की शरण ली जाएगी।
बढेरी क्षेत्र में संयुक्त सर्वे को टीम पहुंची ही थी की सूचना गांव में फैल गई। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के सामने ही सरकार विरोधी नारे लगाए। कहा कि जिस स्थान पर सर्वे किया जा रहा है वहीं से गांव की सिंचाई योजना के साथ ही विद्यालय स्थित है। समीप ही छह सौ करोड़ रुपये की लागत से डैम का निर्माण किया जा रहा है ऐसे में स्टोन क्रशर लगाकर ग्रामीणों को मौत के मुंह में धकेला जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोप लगाया कि मानकों को ताक पर रख स्टोन क्रशर का सर्वे किया जा रहा है। जिस स्थान पर सर्वे के लिए टीम पहुंची है उस स्थान के समीप ही ग्रामीणों की गोचर भूमि भी है जहां पर पशुपालन जानवरों को चारा घास आदि के लिए ले जाते हैं। ऐसे में भविष्य में खतरा बढ़ने की आशंका है। ग्रामीणों ने कहा कि जहां पर स्टोन क्रेशर लगाने की सुगबुगाहट की जा रही है उसके आसपास ही गांव के लोगों की कृषि भूमि भी है जिस पर किसान खेती-बाड़ी करते हैं। ऐसे में स्टोन क्रेशर लगा तो खेतीबाड़ी को भी बड़ा नुकसान होने की संभावना है। वही पर्यावरण भी प्रदूषित होगा। ऊपर ही धारी व खैरनी गांव भी हैं। इस दौरान ग्राम प्रधान दीप चंद्र, सरपंच खुशाल सिंह, पान सिंह, चंदन सिंह, मोहन सिंह, बालम सिंह, राजेंद्र, डूंगर राम, धन सिंह, भगवत सिंह, रविंद्र सिंह मेहरा, दुर्गा देवी, विमला देवी, भावना जंतवाल, नीलम जंतवाल, विनीता देवी, अनिल सिंह, अशोक सिंह, पंकज सिंह, अनूप बिष्ट आदि मौजूद रहे।