= मुख्यमंत्री के दावों की धज्जियां उड़ा रही सिरसा गांव को जोड़ने वाली सड़क
= इस रोड पर कायम है जंगलराज, अधिकारी बेपरवाह
= 69 लाख रुपये की सड़क आज भी गांव से दूर

(((कुबेर सिंह जीना/महेन्द्र कनवाल/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))

प्रदेश की पुष्कर धामी सरकार ने हालांकि अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है पर अल्मोडा़ भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग से सिरसा गांव को जाने वाली सड़क को देखकर कतई विश्वास नहीं होता कि यहां अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझ रहे हैं। लाखों खर्च होने के बावजूद आज तक गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है यही नहीं सड़क की शुरुआत में ही विशालकाय बोल्डर विभागीय जिम्मेदारी की हकीकत बयां कर रहा है।
बीते दिनों अल्मोड़ा तथा नैनीताल दौरे में पहुंचे प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की। स्पष्ट कहा था कि मौके पर ही समस्या का समाधान किया जाए पर अल्मोड़ा भवाली राजमार्ग से सिरसा गांव को जोड़ने वाली सड़क सीएम के दावों से उलट है। वर्ष 2015 में लगभग 70 लाख रुपए की भारी-भरकम लागत से 1.75 किमी रोड स्वीकृत हुई पर आज तक रोड में एक भी वाहन गांव तक नहीं पहुंच सका है। खास बात यह है कि आज भी सड़क गांव से आठ सौ मीटर की दूरी पर है। बावजूद विभागीय अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। ग्रामीण कई बार सड़क में आवाजाही शुरू कराए जाने की मांग उठा चुके हैं पर सड़क की शुरुआत में ही कई टन वजनी बोल्डर राह रोक रहा है। जगह-जगह भूस्खलन का खतरा है। पर कोई सुध नहीं ली जा रही। सड़क को देख ऐसा लगता है मानो जंगलराज कायम है। स्थानीय लोगों ने मार्ग पर आवाजाही शुरु किए जाने की मांग की है। चेतावनी दी है कि यदि तत्काल व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई तो सड़क पर उतर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।