= खैरना से बजोल तक जगह-जगह मुंह उठाए खड़ा है खतरा
= व्यापारियों ने लगाया संबंधित विभाग पर लापरवाही का आरोप
= बदहाली का दंश झेल रहा रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे
(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/हरीश चंद्र/भीम बिष्ट की रिपोर्ट)))
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर जगह-जगह खतरा मुंह उठाए खड़ा है बावजूद संबंधित विभाग एक अदद संकेतांक तक नहीं लगा सका है। रात के वक्त जोखिम दोगुना बढ़ जा रहा है। व्यापारियों ने संबंधित विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश ने सामरिक व पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे को भारी नुकसान पहुंचाया। खैरना से कुछ आगे ही करीब पांच सौ मीटर दायरे में स्टेट हाईवे कोसी नदी की ओर जा समाया। बमुश्किल पहाड़ी काट आवाजाही सुचारू की गई। मल्ला व तल्ला पातली, बजोल तथा बमस्यू आदि क्षेत्रों में भी जगह-जगह स्टेट हाईवे भूधंसाव की जद में है। स्टेट हाईवे की मरम्मत तो दूर खतरे वाले स्थानों पर एक अदद संकेतांक भी नहीं लगाया जा सका है जबकि आपदा को छह माह का समय बीत चुका है. व्यापारी नेता विरेंद्र बिष्ट, महेंद्र सिंहष कुबेर सिंह जीना, हरीश चंद्र, पंकज भट्ट, पंकज नेगी, हरीश कुमार, गजेंद्र नेगी, मनोज पडलिया, दलीप सिंह, मदन मोहन सुयाल, अंकित सुयाल, मनीष कर्नाटक आदि ने संबंधित विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि महत्वपूर्ण स्टेट हाईवे की सुध नहीं ली जा रही जगह-जगह स्टेट हाईवे बदहाली का दंश झेल रहा है। यही हालात रहे तो कभी भी बड़ी घटना सामने आ सकती है। व्यापारियों ने मरम्मत ना होने तक खतरे वाले स्थानों पर संकेतांक लगाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।