= आपदा में पैदल रास्ता ध्वस्त होने के बाद बिगड़ गए हालात
= जान जोखिम में डाल करनी पड़ रही थी आवाजाही
= अब मिलेगी कुछ राहत
((( कुबेर सिंह जीना/भाष्कर आर्या/दीपू लटवाल की रिपोर्ट)))
खैरना से तमाम गांवो को जोड़ने वाले पैदल मार्ग के एक माह बाद भी दुरुस्त ना हो पाने पर आखिरकार स्थानीय लोग आगे आ गए। शिप्रा नदी पर अस्थाई पैदल पुल निर्माण कर डाला गया। स्थानीय लोगों ने आवाजाही में दिक्कतें झेल रहे लोगों को राहत देने के लिए पुल तैयार किया। क्षेत्रवासियों ने शिप्रा नदी पर अस्थाई पुल तैयार कर शासन प्रशासन को भी आईना दिखाया है।
पिछले माह हुई मूसलाधार बारिश से उफान में आई शिप्रा नदी ने खूब तबाही मचाई। खैरना चौराहे से आसपास के गांवो तथा सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल जाने वाला पैदल मार्ग भी ध्वस्त हो गया। लगातार मांग उठाए जाने के बावजूद अनसुनी कर दी गई। लोगों को जान जोखिम में डाल आवाजाही करनी पड़ रही थी। शुक्रवार को स्थानीय प्रताप सिंह गौणी, अजय पनौरा, भुवन चंद्र, प्रधानाचार्य शिशु मंदिर तुलसी प्रसाद भट्ट, गोपाल रावत, नैन सिंह आदि लोगो ने शिप्रा नदी के बीचोंबीच अस्थाई पुल तैयार किया। पुल तैयार होने से अब लोगो को आवाजाही में राहत मिलेगी। गांव के लोगो ने अस्थाई पुल तैयार किए जाने पर लोगो का आभार जताया है।