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[[[[[[[[[[[[ कैंची धाम विशेष ]]]]]]]]]]]]] नन्हें नन्हें क़दमों से बाबा के दर पहुंचकर झुकाए शीश

🔳 मासूमों को लेकिन अलग-अलग राज्यों से कैंची धाम पहुंचे स्वजन
🔳 बोले – बाबा का मिला है आर्शीवाद और दौड़े चले आए
🔳 हर वर्ष मेरे बच्चों को बुलाना मेरे बाबा
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]

किस्मत बदलने वाले बाबा नीम करौरी के धाम में अब रोजाना ही पंद्रह जून जैसा माहौल देखने को मिल रहा है। देश विदेश से सैकड़ों बाबा भक्त बाबा के धाम पहुंचकर शीश झुकाते हैं। स्थापना दिवस पर बाबा भक्त अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर तक कैंची धाम पहुंचे हैं। बाबा के धाम पहुंचे श्रद्धालुओं के अनुसार बाबा से अब प्रतिवर्ष उनके धाम पहुंचने का आर्शीवाद मांगा है। बाबा का ही आर्शीवाद है की मीलों दूर से यहां पहुंचने का सौभाग्य मिला।

जोधपुर से अपनी डेढ़ वर्ष बेटी मान्या को लेकर पहुंचे निखिल वैष्णव कहते हैं की लंबे सफर के बावजूद मान्या ने कहीं भी परेशान नहीं किया। बाबा के धाम पहुंचकर वो बेहद खुश दिखी। बाबा से आर्शीवाद मांगा है की मान्यता प्रतिवर्ष स्थापना दिवस पर कैंची धाम आए।

कानपुर से दस महीने की आव्या भी स्थापना दिवस पर अपने स्वजनों के साथ कैंची धाम आई है‌। पिता हर्षित चौहान कहते हैं की लंबे समय से कैंची धाम आने का मन था। स्थापना दिवस पर बेटी के साथ यहां होना सौभाग्य है। प्रयास करेंगे की जब भी आए आव्या साथ हो।

दिल्ली से नौ महीने की शक्ति भी यहां पहुंची है। पिता सुजित कहते हैं की शक्ति को बाबा के दर पर ले जाकर बहुत अच्छा लगा। हमेशा शक्ति को लेकर कैंची धाम आएंगे। और शक्ति जब बड़ी होगी तो वो हमें लेकर बाबा के धाम आएगी।

उत्तरी दिल्ली से पहुंचे डेढ़ वर्षीय अदविक ने भी स्वजनों संग बाबा के दर पर मत्था टेका। स्वजन कहते हैं की अदविक मंदिर में बेहद खुश दिखा। भीड़ के बावजूद वह रत्तीभर परेशान नहीं हुआ।

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